ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें चीनी और तुर्की हथियारों के अवशेष मिले। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और सैन्य क्षमता का प्रदर्शन है। भारतीय वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध नेटवर्क ने पाकिस्तानी जवाबी कार्रवाई को विफल कर दिया और महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया।
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा शक्ति और तकनीकी कौशल में जबरदस्त वृद्धि दिखाई है, क्योंकि सेना ने सीमा पार किए बिना पाकिस्तान में सटीक हमले किए और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। सभी हमले भारतीय हथियारों और प्रणालियों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना किए गए।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन में भारतीय प्रणालियों द्वारा दुश्मन की तकनीकों को नष्ट करने के ठोस सबूत भी मिले हैं, जिनमें चीनी मूल की पीएल-15 मिसाइल और तुर्की के 'यीहा' नामक यूएवी के टुकड़े शामिल हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक मील का पत्थर है।
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पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी शिविरों पर 7 मई को किए गए हवाई हमलों का जिक्र करते हुए मंत्रालय ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने चीन से प्राप्त पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियों को अवरुद्ध कर दिया था और महज 23 मिनट में ऑपरेशन पूरा कर लिया था, जो भारत की तकनीकी क्षमता में जबरदस्त वृद्धि को दर्शाता है।
मंत्रालय ने कहा, "लंबी दूरी के रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और वाणिज्यिक ड्रोन बरामद किए गए। उनकी पहचान से पता चला कि पाकिस्तान ने विदेशों से प्राप्त उन्नत हथियारों का लाभ उठाने की कोशिश की, लेकिन भारत का स्वदेशी वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध नेटवर्क श्रेष्ठ साबित हुआ।"
इसमें कहा गया कि सेना, नौसेना और वायु सेना की विभिन्न प्रणालियों से युक्त भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने असाधारण तालमेल के साथ काम किया और एक अभेद्य दीवार बनाई, जिसने पाकिस्तान की अधिकांश जवाबी कार्रवाइयों को विफल कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चाहे ड्रोन युद्ध हो या सतही वायु रक्षा या इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, 'ऑपरेशन सिंदूर' सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है।
भारत ने महत्वपूर्ण पाकिस्तानी एयरबेस 'नूर खान और रहीमयार खान' को सटीकता के साथ निशाना बनाया। 'आत्मघाती ड्रोन' सहित अन्य अत्याधुनिक हथियारों का विनाशकारी प्रभाव के लिए उपयोग किया गया, जिनमें से प्रत्येक ने दुश्मन के रडार और मिसाइल प्रणालियों सहित महत्वपूर्ण लक्ष्यों को चुनिंदा रूप से नष्ट कर दिया।
मंत्रालय ने कहा कि दुश्मन का मुकाबला करने के लिए मानव रहित हवाई प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण और वायु रक्षा हथियारों के साथ-साथ कंधे से दागे जाने वाले हथियारों को तैनात किया गया था। बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली ने 9-10 मई की रात को भारतीय एयरबेस और रसद प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तानी वायु सेना के हमलों को विफल कर दिया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन प्रणालियों ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि दुश्मन के जवाबी हमलों के दौरान पूरे भारत में नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को कोई बड़ा नुकसान न हो। सभी हमलों को भारतीय हथियारों और प्रणालियों को कोई नुकसान पहुँचाए बिना ही विफल कर दिया गया, जो देश की प्रभावशीलता को रेखांकित करता है।