- केजीएमयू के इतिहास में पहली बार निजी प्रैक्टिस के आरोप में वरिष्ठ डॉक्टर बर्खास्त

केजीएमयू के इतिहास में पहली बार निजी प्रैक्टिस के आरोप में वरिष्ठ डॉक्टर बर्खास्त

निजी प्रैक्टिस के मामले में केजीएमयू के डॉक्टर बर्खास्त किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के फार्माकोलॉजी विभाग के निलंबित निवर्तमान विभागाध्यक्ष डॉ. आमोद कुमार सचान को उनकी सेवानिवृत्ति से तीन दिन पहले शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया। उन पर निजी प्रैक्टिस करने, एक निजी संस्थान से लाभ लेने और कई संस्थानों में निदेशक होने के आरोप सही पाए गए।

योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा निजी प्रैक्टिस की अनुमति दिए जाने के बावजूद वरिष्ठ डॉक्टरों की मनमानी पर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) द्वारा की गई कार्रवाई एक बड़ा संदेश देगी। कुलपति प्रोफेसर डॉ. सोनिया नित्यानंद की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कार्यकारिणी परिषद की एक आपात बैठक में फार्माकोलॉजी विभाग के निलंबित विभागाध्यक्ष डॉ. सचान को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के फार्माकोलॉजी विभाग के निलंबित निवर्तमान विभागाध्यक्ष डॉ. आमोद कुमार सचान को उनकी सेवानिवृत्ति से तीन दिन पहले शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया। डॉ. सचान पर निजी प्रैक्टिस करने, निजी संस्थान से लाभ लेने और कई संस्थानों के निदेशक मंडल में शामिल होने के आरोप सिद्ध होने के बाद यह निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार किसी डॉक्टर को निजी प्रैक्टिस के आरोप में बर्खास्त किया गया है। उन्हें 15 जुलाई को सेवानिवृत्त होना था। डॉ. सचान के खिलाफ पिछले साल जांच शुरू की गई थी।

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद की अध्यक्षता में शनिवार को कार्यकारिणी परिषद की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया। बैठक में कुलसचिव की जगह उप कुलसचिव डॉ. संदीप भट्टाचार्य शामिल हुए। बैठक में डॉ. आमोद कुमार सचान पर निजी प्रैक्टिस समेत अन्य आरोप सिद्ध हुए, जिसके बाद कार्यकारिणी परिषद ने उन्हें बर्खास्त करने का निर्णय लिया। इससे पहले, 4 जुलाई को कार्यकारिणी परिषद की आपात बैठक हुई थी। डॉ. सचान को 180 पृष्ठों का नोटिस जारी किया गया था, जिसका उन्हें छह दिनों में जवाब देना था। हालांकि, उन्होंने जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। 10 जुलाई को फिर आपात बैठक हुई, जिसमें कार्यकारिणी परिषद ने अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया।
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केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि डॉ. आमोद कुमार सचान पर लंबे समय से निजी प्रैक्टिस करने समेत कई आरोप साबित हुए हैं। कोर्ट के आदेश पर कार्य परिषद की आपात बैठक बुलाई गई थी। शनिवार को समिति की जाँच रिपोर्ट के आधार पर डॉ. सचान को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया। केजीएमयू में पहली बार निजी प्रैक्टिस को लेकर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है, जो भविष्य में मिसाल कायम करेगी।

बर्खास्त डॉ. आमोद कुमार सचान ने कहा कि मेरी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले मेरी पूर्व पत्नी ऋचा मिश्रा की मनगढ़ंत शिकायत का निपटारा यह दर्शाता है कि यह कृत्य भ्रष्ट मानसिकता और द्वेष से प्रेरित है।

पहले भी सामने आ चुके हैं निजी प्रैक्टिस के मामले

वर्ष 2023 में केजीएमयू में एक विभागाध्यक्ष पर निजी प्रैक्टिस का आरोप लगा था। एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद मरीज की मौत हो गई, जिसके बाद यह मामला सामने आया। पीड़ित परिवार ने शिकायत की और साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। केजीएमयू प्रशासन ने मामले की जाँच कराई। कार्यपरिषद में विभागाध्यक्ष को चार्जशीट देने पर भी सहमति बनी थी, लेकिन मामला अधर में लटका हुआ है। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी तरह एक और विभागाध्यक्ष पर निजी प्रैक्टिस का आरोप लगा था, लेकिन जाँच गंभीरता से नहीं हुई और डॉक्टर बच गए। हालाँकि, विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि निजी प्रैक्टिस की शिकायत मिलने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

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