तिब्बत पर उसने लगभग कब्ज़ा कर लिया है। उसकी नज़र नेपाल पर भी है। अपनी महत्वाकांक्षी BRI के तहत उसने कई देशों को कर्ज़ भी दिया है।
ताकि वो अपने पैर जमा सके। ज़मीन के अलावा चीन की सड़क परियोजना समुद्र को भी अपना आधार बना रही है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की घुसपैठ से पूरी दुनिया परेशान है। लेकिन अब पहली बार 19 देश चीन के ख़िलाफ़ संदेश देने के लिए एक साथ आए हैं।
अक्सर कहा जाता है कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। अगर हम अपने आस-पास देखें, तो हमें हर जगह दोस्ती का एहसास नहीं मिलता।
एक तरफ़ पाकिस्तान-बांग्लादेश हैं और दूसरी तरफ़ चीन शीर्ष पर बैठा है। जिस तरह से चीन की विस्तारवादी नीति है।
वो ताइवान पर कब्ज़ा करना चाहता है। तिब्बत पर उसने लगभग कब्ज़ा कर लिया है। उसकी नज़र नेपाल पर भी है। अपनी महत्वाकांक्षी BRI के तहत उसने कई देशों को कर्ज़ भी दिया है। ताकि वो अपने पैर जमा सके।
ज़मीन के अलावा चीन की सड़क परियोजना समुद्र को भी अपना आधार बना रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की घुसपैठ से पूरी दुनिया परेशान है।
लेकिन अब पहली बार 19 देश चीन के खिलाफ संदेश देने के लिए एक साथ आए हैं।