- एमपी: साध्वी लक्ष्मी दास 90 लाख रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार, अदालत को गुमराह करने का आरोप

एमपी: साध्वी लक्ष्मी दास 90 लाख रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार, अदालत को गुमराह करने का आरोप

छिंदवाड़ा पुलिस ने 90 लाख रुपये के गबन के मामले में डेढ़ साल से फरार चल रही साध्वी लक्ष्मी दास को नर्मदापुरम से गिरफ्तार कर लिया। साध्वी ने भागने की कोशिश की, लेकिन नदी पार करते समय पकड़ी गई।
नर्मदापुरम पुलिस ने नाटकीय घटनाक्रम के बाद, 90 लाख रुपये के कथित गबन और अदालत को गुमराह करने के मामले में लगभग डेढ़ साल से फरार चल रही साध्वी लक्ष्मी दास को गिरफ्तार कर लिया। ग्रामीण थाना टीआई गणपत उइके ने बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने आरोपी साध्वी को नर्मदापुरम (पूर्व में होशंगाबाद) जिले के चंद्रकलां गाँव से गिरफ्तार कर मंगलवार सुबह छिंदवाड़ा लाया।

मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर जब पुलिस टीम वहाँ पहुँची, तो साध्वी ने शौच जाने का बहाना बनाकर भागने की कोशिश की। बाद में, नाव की मदद से नदी पार एक गाँव से उसका पीछा करके उसे पकड़ लिया गया।

पूरी घटना का खुलासा इस तरह हुआ

लोनी कलां स्थित राम जानकी मंदिर से जुड़े 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित साध्वी की पुलिस को लंबे समय से तलाश थी। मामला अदालत में चल रहा था और आरोपी लगातार फरार चल रही थी।

जानकारी के अनुसार, छिंदवाड़ा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि खुद को साध्वी और धार्मिक अनुष्ठान करने वाली बताने वाली साध्वी लक्ष्मी दास चित्रकला गाँव में अनुष्ठान कर रही हैं। पुलिस मौके पर पहुँची और अनुष्ठान समाप्त होने के बाद उन्हें गिरफ्तार करने की योजना बनाई।

लेकिन साध्वी को इसकी भनक लग गई। वह शौच जाने के बहाने चुपचाप वहाँ से निकल गईं। जब पुलिस को उनके फरार होने की जानकारी मिली, तो टीम ने नाव से उनका पीछा करते हुए नदी पार किया और दूसरे गाँव में जाकर उन्हें घेर लिया और गिरफ्तार कर लिया।

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

साध्वी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन दोनों ही अदालतों ने उन्हें राहत नहीं दी। 19 मई को हाईकोर्ट ने अग्रिम ज़मानत खारिज करते हुए सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि साध्वी और उनके भाई ने जानबूझकर तथ्य छिपाए और कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की।

5 जून को सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) भी खुद ही वापस ले ली गई। इसके बाद आरोपी फरार हो गया और पुलिस लगातार निगरानी कर रही थी।

क्या है 90 लाख की धोखाधड़ी का मामला?

यह मामला छिंदवाड़ा जिले के चांद इलाके में स्थित प्रसिद्ध राम जानकी मंदिर, लोनी कलां से जुड़ा है। मंदिर के वर्तमान महंत ने आरोप लगाया कि मंदिर के पूर्व महंत स्वर्गीय कनक बिहारी दास ने मंदिर के लिए 1 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके बैंक खाते में जमा 90 लाख रुपये की राशि गायब हो गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि खाता नॉमिनी न होने के बावजूद किसी ने यह रकम निकाल ली।

कौन है आरोपी?

इस मामले में मुख्य आरोपी साध्वी लक्ष्मी दास (असली नाम रीना रघुवंशी) हैं। सागर निवासी उनका पीए मनीष सोनी फरार है। साध्वी ने आरोपी मनीष सोनी के खाते में 50 लाख की बड़ी रकम ट्रांसफर की थी। साध्वी का भाई हर्ष रघुवंशी भी अपनी ज़मानत रद्द होने के बाद से फरार है।

आगे क्या?

छिंदवाड़ा से आई विशेष टीम आरोपी को हिरासत में लेकर रवाना हो गई है। आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और उससे पूछताछ की जाएगी कि गबन की रकम कहाँ और कैसे खर्च की गई।

इस हाई-प्रोफाइल मामले में कई और परतें खुलने की उम्मीद है। पुलिस अब साध्वी से पूछताछ कर संपत्ति, लेन-देन और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत जैसे पहलुओं की जाँच करेगी।

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