जब सातों बच्चों के शव उनके परिजनों को सौंपे गए, तो एसआरजी अस्पताल के शवगृह के बाहर खड़े उनके रिश्तेदारों को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। माताएँ अपने बच्चों के शवों से लिपटकर रो पड़ीं।
राजस्थान के झालावाड़ में शुक्रवार (25 जुलाई) को हुए एक दुखद हादसे में एक महिला की दुनिया उजड़ गई। दरअसल, स्कूल की छत गिरने से मरने वाले सात बच्चों में एक महिला के दो बच्चे भी शामिल हैं।
दरअसल, पिपलोदी गाँव के एक घर का आँगन, जहाँ कुछ दिन पहले तक दो भाई-बहनों की किलकारियाँ गूंजती थीं, अब मातम से भर गया है।
'मैंने सब कुछ खो दिया'
इस हादसे में अपने बेटे और बेटी को खोने के गम से व्याकुल माँ ने कहा, "मैंने सब कुछ खो दिया। मेरे दो ही बच्चे थे। दोनों चले गए। मेरा घर सूना हो गया है। मेरे आँगन में खेलने वाला कोई नहीं बचा। एक लड़का था, एक लड़की थी। भगवान को मुझे ले जाना चाहिए था, उसे मेरे बेटे और बेटी को छोड़ देना चाहिए था।"
'बच्चों के शवों से लिपटकर रो पड़े परिजन'
शनिवार (26 जुलाई) सुबह जब सातों बच्चों के शव उनके परिजनों को सौंपे गए, तो एसआरजी अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर खड़े परिजनों को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। कुछ महिलाएं अपने बच्चों के शवों से लिपटकर रो रही थीं, जबकि कुछ पीड़ित सदमे में चुपचाप बैठे थे।
एक ही चिता पर पाँच बच्चों का अंतिम संस्कार
हादसे में मारे गए पाँचों बच्चों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया, जबकि दो बच्चों का अलग-अलग अंतिम संस्कार किया गया।
घटना में अपने बच्चे को खोने वाली एक अन्य महिला ने घटना के समय स्कूल में मौजूद शिक्षकों की भूमिका पर सवाल उठाए।
'मास्टर साहब बाहर क्या कर रहे थे'
उसने कहा, "मास्टर साहब भी स्कूल जाते हैं। वह खुद बाहर गए और बच्चों को अंदर छोड़ गए। वह बाहर क्या कर रहे थे?" इस हादसे ने राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढाँचे और व्यवस्थागत उपेक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतकों में सबसे छोटा बच्चा 6 साल का था
शुक्रवार को झालावाड़ के पिपलोदी गाँव में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से दो भाई-बहनों समेत सात बच्चों की मौत हो गई। इस हादसे में मारे गए बच्चों में सबसे छोटा बच्चा सिर्फ़ छह साल का था।
मृतकों की पहचान पायल (12), हरीश (8), प्रियंका (12), कुंदन (12), कार्तिक और भाई-बहन मीना (12) और कान्हा (छह) के रूप में हुई है।
10-10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा
स्कूल के पाँच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की उच्च-स्तरीय जाँच के आदेश दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने अपने बच्चों को खोने वाले परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।