- कांग्रेस ने 22 से अधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज

कांग्रेस ने 22 से अधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी तेज़ हो गई है। कांग्रेस ने 22 उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं और 60 से ज़्यादा सीटें जीतने की उम्मीद जताई है।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार, बुधवार को कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में पार्टी ने लगभग 50 नामों पर चर्चा की और 22 से ज़्यादा उम्मीदवारों को मंज़ूरी दी, जिनमें कई मौजूदा विधायक भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि इस कदम का उद्देश्य सीट बंटवारे की बातचीत से पहले राजद को यह स्पष्ट संदेश देना है कि कांग्रेस अपने मज़बूत और प्रगतिशील क्षेत्रों को आसानी से नहीं छोड़ेगी। बैठक में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान के लिए सीटों को भी अंतिम रूप दिया गया। राजेश राम कुटुम्बा से और शकील अहमद खान कदवा से मौजूदा विधायक हैं।

कांग्रेस को 60 से ज़्यादा सीटें जीतने की उम्मीद
कांग्रेस को महागठबंधन में 60 से ज़्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है। आज की बैठक में इन संभावित सीटों पर विस्तार से चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ये सीटें उन इलाकों में हैं जहाँ कांग्रेस का पारंपरिक रूप से मज़बूत वोट बैंक रहा है। सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन के सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है। बताया जा रहा है कि महागठबंधन 11 या 12 अक्टूबर को पटना में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर सकता है। चुनाव आयोग ने बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान और 14 नवंबर को मतगणना की घोषणा की है।

महागठबंधन में किसे कितनी सीटें चाहिए?
महागठबंधन में राजद 130 सीटें चाहता है, जबकि कांग्रेस 60-65 सीटें मांग रही है। हालाँकि, लालू प्रसाद की राजद ने कांग्रेस को 50-55 से ज़्यादा सीटें देने से इनकार कर दिया है। मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) भी 35-40 सीटें मांग रही है, जबकि पहले वह 11 सीटों पर चुनाव लड़ती थी। सहनी ने उप-मुख्यमंत्री पद पर भी दावा पेश किया है। वामपंथी दल भी 30-40 सीटें चाहते हैं, खासकर भाकपा (माले), जिसने इस बार 19 की बजाय 30 विधानसभा सीटों की सूची सौंपी है। वहीं, राजद वीआईपी को 14-18 सीटें, वाम दलों को 30-32 सीटें, झामुमो को 3 और पशुपति पारस की रालोसपा को 2 सीटें देने की योजना बना रहा है।

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