लोजपा (आर) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान के फैसले की याद दिलाते हुए, पार्टी में मुसलमानों को शामिल न करने के महागठबंधन के फैसले पर सवाल उठाया है।
बिहार में एक मुसलमान को मुख्यमंत्री बनाने पर बहस तेज़ हो गई है। मुस्लिम समुदाय अपनी आबादी को देखते हुए अपनी भागीदारी पर सवाल उठा रहा है। इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान के फैसले की याद दिलाते हुए और महागठबंधन पर सवाल उठाते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
चिराग पासवान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में लोजपा संस्थापक और अपने पिता के फैसले का ज़िक्र किया। उन्होंने लिखा, "2005 में, मेरे नेता, मेरे पिता, स्वर्गीय श्री रामविलास पासवान... रामविलास पासवान ने एक मुसलमान को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी, लेकिन आपने फिर भी उनका समर्थन नहीं किया।"
चिराग पासवान ने कहा, "राजद 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं थी। और आज, 2025 में भी, वह किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री देने को तैयार नहीं है! अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रह जाएँगे, तो आपको सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?"
महागठबंधन के फैसले पर उठे सवाल
चिराग पासवान ने पहले भारत गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था कि राजद हमेशा यादव और सहनी समुदाय के नाम पर राजनीति करती रही है। हालाँकि, वे केवल चुनावों के दौरान ही मुसलमानों की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में 18 प्रतिशत मुसलमान हैं, फिर भी महागठबंधन किसी भी मुसलमान को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री का पद देने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि भारत गठबंधन ने हाल ही में तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद के लिए मंज़ूरी दी गई है। इस फैसले के बाद, मुसलमान अपनी भागीदारी की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। बिहार में उनकी आबादी का भी हवाला दिया जा रहा है।