मध्य प्रदेश के IAS ऑफिसर संतोष वर्मा के ब्राह्मण समुदाय के बारे में विवादित बयान देने के आरोप में कोर्ट में एक पिटीशन फाइल की गई है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
IAS ऑफिसर संतोष वर्मा के ब्राह्मणों के बारे में विवादित बयान पर मध्य प्रदेश में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश शेड्यूल्ड कास्ट्स एंड ट्राइब्स ऑफिसर्स एंड एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AJAKS) के नए प्रेसिडेंट संतोष वर्मा ने हाल ही में ब्राह्मण समुदाय के बारे में एक विवादित बयान दिया था। सरकार ने उन्हें इस बारे में नोटिस जारी किया था। अब यह मामला कोर्ट पहुंच गया है। 66 साल के वकील शैलेंद्र द्विवेदी ने IAS ऑफिसर संतोष वर्मा के खिलाफ इंदौर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पिटीशन फाइल की है। इस पिटीशन में उन पर ब्राह्मण समुदाय के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
IAS ऑफिसर संतोष वर्मा ने क्या कहा था?
23 नवंबर को भोपाल के अंबेडकर मैदान में हुए AJAKS के प्रांतीय सम्मेलन में IAS ऑफिसर संतोष वर्मा ने ब्राह्मणों के बारे में एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "परिवार में एक व्यक्ति को तब तक रिजर्वेशन मिलता रहना चाहिए जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान न कर दे या उसके साथ रिश्ता न बना ले।" इस बयान पर काफी हंगामा हुआ, जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने IAS ऑफिसर संतोष वर्मा को नोटिस जारी कर सफाई मांगी। वर्मा से पूछा गया कि उनके खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन क्यों न लिया जाए।
4 दिसंबर की तारीख तय
वकील शैलेंद्र द्विवेदी ने IAS ऑफिसर संतोष वर्मा के खिलाफ फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में पिटीशन फाइल की है। वकील ने कहा, "मैं ब्राह्मण कम्युनिटी से हूं और वर्मा के मेरे कम्युनिटी के बारे में दिए गए आपत्तिजनक बयान से बहुत दुखी हूं। मैं कोर्ट से रिक्वेस्ट करता हूं कि वह पुलिस को IAS ऑफिसर संतोष वर्मा के खिलाफ संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत केस दर्ज करने और जांच रिपोर्ट जमा करने का आदेश दे।"
वकील शैलेंद्र द्विवेदी की फाइल की गई पिटीशन में आरोप लगाया गया है कि IAS ऑफिसर संतोष वर्मा ने एक इवेंट में ब्राह्मण कम्युनिटी की बेटियों के बारे में गंदी, भद्दी, अपमानजनक और घटिया कमेंट किए। कोर्ट में फाइल की गई पिटीशन में आरोप लगाया गया है कि उनके बयान से सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा है और दो कम्युनिटी के बीच दुश्मनी पैदा हुई है। वकील ने कहा कि कोर्ट ने पिटीशन पर उनकी दलीलें सुनने के लिए 4 दिसंबर की तारीख तय की है।