अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने CrPC की धारा 436A का हवाला दिया, हालांकि वह CBI द्वारा जांच किए जा रहे एक दूसरे मामले में जेल में ही रहेगा।
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया। हालांकि, वह CBI द्वारा जांच किए जा रहे एक अलग मामले में जेल में ही रहेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर उसके खिलाफ कोई और मामला नहीं है, तो उसे 21 दिसंबर को रिहा कर दिया जाना चाहिए। स्पेशल जज (CBI) संजय जिंदल ने CrPC की धारा 436A के प्रावधानों के तहत यह आदेश जारी किया। जज ने कहा, "CrPC की धारा 436A के दूसरे प्रोविज़ो के अनुसार, आरोपी को इस मामले में 21 दिसंबर, 2025 के बाद हिरासत में नहीं रखा जा सकता।"
मिशेल ने अपनी याचिका में यह बात कही थी।
यह ध्यान देने योग्य है कि CrPC की धारा 436A का दूसरा प्रोविज़ो कहता है कि किसी व्यक्ति को जांच, पूछताछ या ट्रायल के दौरान अपराध की अधिकतम सज़ा से ज़्यादा समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता। मिशेल ने अपनी याचिका में कहा था कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7 साल की अधिकतम सज़ा पूरी कर ली है और वह इस मामले में 7 साल से हिरासत में है। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में उसकी ज़रूरत नहीं है, तो उसे रिहा कर दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि "उसे CrPC की धारा 436A के दूसरे प्रोविज़ो के तहत सभी ज़रूरी औपचारिकताओं के साथ रिहा किया जाए।"
"मेरा क्लाइंट 7 साल से हिरासत में है"
मिशेल को CBI मामले में सुप्रीम कोर्ट और ED मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से ज़मानत मिल गई थी। ज़मानत की शर्तों में हर मामले में 5 लाख रुपये का बॉन्ड और पासपोर्ट सरेंडर करना शामिल था, लेकिन उसने बॉन्ड नहीं भरा, और हिरासत के दौरान उसका पासपोर्ट अमान्य हो गया। CBI मामले में मिशेल की याचिका पर सुनवाई शनिवार सुबह हुई। कोर्ट ने CBI से जवाब मांगा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 22 दिसंबर को लिस्ट किया। मिशेल ने कोर्ट को लिखित में बताया कि रिहा होने के बाद भी वह बाकी ट्रायल में हिस्सा लेगा। उनके वकील ने कोर्ट को बताया, "दो जांच एजेंसियां पिछले 12 सालों से इस मामले की जांच कर रही हैं, और मेरा क्लाइंट 7 साल से हिरासत में है। जमानत मिलने के बावजूद वह घर नहीं जा पाया है; यह न्याय का मज़ाक है।"
मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था।
कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए मिशेल ने कहा, "मैं सुनवाई का आनंद ले रहा हूं।" मिशेल को 4 दिसंबर, 2018 को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था। CBI ने उन्हें गिरफ्तार किया और हिरासत में ले लिया। इसके बाद ED ने उन्हें 22 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तार किया। मिशेल पर इस डील में बिचौलिए होने का आरोप है। यह मामला 3600 करोड़ रुपये के अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील से जुड़ा है, जो VVIPs के लिए हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए थी। CBI ने 2013 में मामला दर्ज किया था, और ED ने भी जांच शुरू की थी। आरोप है कि सप्लायर को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए हेलीकॉप्टरों की उड़ान की ऊंचाई की शर्त को कम किया गया था, और 200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।