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ब्रिटेन में भारतीय छात्रों की संख्या दुनिया के बाकी देशों से ज्यादा : एलिस
सोनीपत। ब्रिटेन में भारतीय छात्रों की संख्या चीन सहित दुनिया के बाकी देशों से ज्यादा है। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने भारत-ब्रिटेन संबंधों पर एक विशिष्ट सार्वजनिक व्याख्यान में यह बात कही। उन्होंने कहा, हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच असाधारण संबंध हैं। इसके बावजूद भारत-ब्रिटेन संबंधों को और गहरा करने की गुंजाइश है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मामले, कानून एवं अन्य विषयों के छात्रों को संबोधित कर उन्हें दुनिया के दो महत्वपूर्ण लोकतंत्रों के बीच संबंधों के कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण के बारे में बताया।
उन्होंने कहा, भारत और ब्रिटेन इंसानी स्तर पर जुड़ते हैं। हम दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, भारत 2030 तक दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। हम एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं। यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम आर्थिक मूल्य के साथ-साथ रणनीतिक मूल्य भी देखते हैं। राष्ट्रों के रूप में हम दुनिया की कुछ सबसे बड़ी समस्याओं से निपटने की कोशिश करने और विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन! हम पहले ही दिखा चुके हैं कि हमने महामारी के दौरान कोविशील्ड वैक्सीन के अनुसंधान और उत्पादन में कितना अच्छा सहयोग किया है। इसके बाद उच्चायुक्त ने भू-राजनीतिक रणनीतिक अनिवार्यताओं पर प्रकाश डाला जो भारत-ब्रिटेन संबंधों को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा, व्यापार और निवेश, क्षेत्रीय और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा भी पर भी चर्चा आगे बढ़ेगी। लेकिन मानवीय संबंध ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं चाहूंगा कि भारत की वास्तविकता को समझने के लिए और अधिक ब्रिटिश भारत आएं। उन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच के साझा इतिहास के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां एक राजनयिक के रूप में उन्हें ऐतिहासिक संवेदनशीलताओं का विशेष ध्यान रखना था लेकिन उन्होंने समकालीन परिणामों को भी देखा। अपने व्यापक व्याख्यान में उच्चायुक्त ने भूगोल, संस्कृति, भाषा, खानपान, क्रिकेट और जिस देश में आप रहते हैं, उसके प्रति सम्मान दिखाने जैसे विषयों पर भी बात की।
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