- मौका देखकर चौका मारने में माहिर हैं शरद पवार

मौका देखकर चौका मारने में माहिर हैं शरद पवार

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एनसीपी क्या करेगी, यह पवार ही जानते हैं 
मुंबई,। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सर्वेसर्वा शरद पवार की पावर पॉलिटिक्स से लोग भली भांति परिचित हैं. एनसीपी के आदर्श भले कांग्रेस के दिवंगत नेता यशवंत राव चव्हाण रहे हैं. पर प्रैक्टिकली एनसीपी की नीति सत्ता के साथ बने रहने की रही है. बीते दौर में एनसीपी इसके पर्याप्त सबूत देती रही कि कभी यह अपनी आइडियोलॉजी को लेकर सतर्क, सचेत नहीं रही


. एनसीपी का गठन सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे के विरोध में हुआ था. यही एनसीपी सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते यूपीए का हिस्सा रही. आज भी आधिकारिक रूप से यूपीए में ही है. लेकिन कई मौके ऐसे आए हैं जब शरद पवार कांग्रेस और राहुल गाँधी के खिलाफ बयानबाजी करने से नहीं चूकते और फिर दूसरे ही दिन डैमेज कंट्रोल भी बड़ी चतुराई के साथ कर लेते हैं. आइडियोलॉजी के तौर पर देखें तो एनसीपी की मूल विचारधारा वही है जो कांग्रेस की है. 

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बात करें शरद पवार की तो उनके बारे में ये जगजाहिर हो गया है कि वे मौका देखकर चौका मारने में माहिर हैं. दरअसल शरद qपवार-नरेंद्र मोदी मुलाकात की लुका-छुपी लोग देख और सुन चुके हैं. एक समय वो भी था जब एनसीपी महाराष्ट्र में बीजेपी की शिवसेना से भी बड़ी समर्थक बन कर सामने आ गई. फिर 2019 में चांस दिखा तो बीजेपी के खिलाफ हो गई और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ महाविकास आघाड़ी की सरकार बना गई. 


हाल ही में एक बार फिर उन्होंने पलटी मारी और यह मणिपुर में बीजेपी के साथ सरकार में शामिल हो गई. इसलिए 2024 के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी क्या करेगी, यह शरद पवार ही जानते हैं क्योंकि वे तो मौका देखकर चौका मारने में माहिर हैं. जैसा सिचुएशन सामने आएगा, पवार पॉलिटिक्स उस हिसाब से क्लिक करेगी. यानि पवार का सत्ता के साथ बने रहना ही एक मात्र आइडियोलॉजी लगने लगी है. 


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