पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार तो नहीं बना पाई, लेकिन उसने पूरे विपक्ष को अपने पाले में कर लिया।
सत्ता में आने से पहले अक्सर पार्टियाँ विपक्ष की जगह हासिल कर लेती हैं और भाजपा ने सीपीएम-कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करके ऐसा किया।
अमिताभ बच्चन का एक बहुत मशहूर फ़िल्मी डायलॉग है... 'लाइन वहीं से शुरू होती है जहाँ हम खड़े होते हैं।' बंगाल में ममता बनर्जी के लिए भी कुछ ऐसा ही कहा जाता है।
2021 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने जीत की हैट्रिक ज़रूर लगाई। लेकिन राज्य में पहली बार भाजपा ने बेहद मज़बूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ़ तीन सीटें मिली थीं। 2021 में यह संख्या बढ़कर 77 हो गई।
बंगाल विधानसभा चुनाव कुछ लोगों के लिए भले ही महज़ एक चुनाव हो, लेकिन ममता बनर्जी के लिए यह किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं था।
उनके सामने अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने की चुनौती थी, इसलिए दीदी ने पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में ले ली।
2021 के चुनाव में ममता दीदी ने दो सीटों से चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया और इसमें काफ़ी हद तक कामयाबी भी मिली।
नंदीग्राम से टीएमसी से बगावत कर भगवा पार्टी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को हराया।