- अजित के पास अगर विधायकों का बहुमत है तो कानूनी दिक्कत नहीं

अजित के पास अगर विधायकों का बहुमत है तो कानूनी दिक्कत नहीं

- ‎शिवसेना को समर्थन मामले में विशेषज्ञों ने एक राय से जताई सहम‎ति
मुंबई । अजित पवार ने समर्थक विधायकों के साथ शिंदे सरकार का दामन थाम लिया। उन्होंने 8 विधायकों के साथ मंत्रीपद की शपथ ली और महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम बन गए हैं। वहीं एनसीपी ने अजित पवार और उन 8 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है, जिन्होंने शिंदे सरकार में शपथ ली है। इस मसले पर कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी विधायकों का फैसला कोई बहुत बड़ा कानूनी पेच नहीं है। अगर उनके पास ‎विधायकों का समर्थन है तो अयोग्यता का सवाल ही नहीं उठता है। चूंकि अजित पवार ने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ लेने के बाद कहा कि यह एनसीपी है, जो सरकार का समर्थन कर रही है, इसलिए विभाजन का कोई सवाल ही नहीं है और कोई कानूनी प्रभाव नहीं पड़ेगा। एक मी‎डिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ वकीलों ने कहा कि राज्यपाल को इस बात से संतुष्ट होना चाहिए कि पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन कर रही है। बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी एच मारलापल्ले ने कहा, ‘कई मीडिया रिपोर्टों के आधार पर अबतक यह स्पष्ट है कि एनसीपी विधायकों ने एक बैठक की और सरकार का समर्थन करने का फैसला किया। इसलिए प्रस्ताव के बारे में तुरंत राज्यपाल को सूचित किया गया, जो तब संतुष्ट हुए।
अजित पवार मामले में कोई कानूनी पेच नहीं! विशेषज्ञों ने कहा- अगर विधायकों का  बहुमत साथ, तो फिर दिक्कत नहीं
इस मामले में राज्य के पूर्व महाधिवक्ता एस जी अणे ने बताया ‎कि भविष्य में विभाजन के चलते अयोग्यता का सवाल उठने तक पार्टी द्वारा अजित पवार को समर्थन देने का सवाल विवादास्पद है। उन्होंने कहा ‎कि इस स्तर पर राज्यपाल की संतुष्टि इस मामले के लिए अप्रासंगिक है और कहा कि जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना मामले में अपना हालिया फैसले में कहा ‎कि अगर ऐसा कोई मुद्दा उठता है तो सदन के अध्यक्ष का अधिकार है कि वो इस मामले में फैसला ले। वहीं भाजपा में शामिल होने के लिए अजीत पवार को पहले विधायक के तौर पर इस्तीफा देना होगा। लेकिन उन्हें एनसीपी की तरफ से समर्थन देने के लिए 54 में से कम से कम 36 विधायक पास होने चाहिए। उनके समर्थन में 40 विधायकों का आंकड़ा बताया जा रहा था। इस ‎लिए ‎किसी तरह की कोई ‎‎दिक्कत नहीं है। 
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ajit pawar, अजित पवार के पास 40 NCP विधायकों के दस्तखत वाला खत! BJP से हाथ  मिलाने को बेताब सुप्रिया सुले के दादा? - maharashtra politics ajit pawar  took signature of forty

अ‎जित पवार को लेकर वरिष्ठ वकीलों ने कहा ‎कि किसी को सदन के शुरू होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आज किसी अयोग्ता का कोई सवाल नहीं उठाया गया है, इसलिए कोई वजह नहीं थी कि राज्यपाल उन्हें शपथ नहीं दिला सकते थे। महेश जेठमलानी ने कहा कि अजित पवार के मुताबिक अधिकांश विधायक उनके साथ हैं और ऐसा ही लगता है। इसलिए प्रथम दृष्टया असली एनसीपी बोल रही है। इस तरह से अ‎जित पवार को ‎किसी भी तरह से अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है।
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