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गीतिका शर्मा खुदकुशी केस कोर्ट के फैसले से भाई हताश
नई दिल्ली । एयर होस्टेस गीतिका शर्मा को खुदकुशी करने को उकसाने के मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को दिल्ली की एक कोर्ट की ओर से बरी किए जाने के बाद गीतिका के परिजन बेहद दुखी हैं। कोर्ट का फैसला आने के बाद 11 साल से आरोपी को सजा मिलने की आस टूट गई है और परिवार ‘भावनात्मक कष्ट’ का सामना कर रहा है। गीतिका के भाई ने कहा कि इस मामले में सबूतों को लेकर कोई कमी नहीं थी।
गीतिका शर्मा के भाई अंकित शर्मा ने कहा कोर्ट का फैसला आने के बाद 66 साल के मेरे पिता बेहद दुखी हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास अब आगे केस लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में सरकार को आदेश के खिलाफ अपील दायर करनी चाहिए। सरकार से फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाना चाहिए। साथ ही अंकित ने यह भी दावा किया कि उनकी जान को खतरा है। गोपाल कांडा की एमएलडीआर कंपनी में काम करने वाली गीतिका शर्मा करीब 11 साल पहले पांच अगस्त 2012 को दिल्ली के अशोक विहार में अपने घर पर मृत मिली थी।
चार अगस्त के अपने सुसाइड नोट में गीतिका शर्मा ने कहा था कि वह कांडा और अरुणा चड्ढा की ओर से लगातार किए जा रहे “उत्पीड़न” से तंग आकर खुदकुशी कर रही है। हरियाणा के बेहद प्रभावशाली नेता गोपाल कांडा को उनके खिलाफ केस दर्ज होने के बाद गृह राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। दूसरी ओर, गीतिका शर्मा की खुदकुशी करने के महज छह महीने बाद उनकी मां ने भी आत्महत्या कर ली थी।
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