विजयवाड़ा । अपने पिता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी तथा न्यायिक रिमांड पर तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के महासचिव लोकेश ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने लोगों को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि अपने पिता को उस अपराध के लिए अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में डाले जाने को देखकर उनका गुस्सा उबल पड़ा और उनका खून खौल उठा।
गौरतलब है कि विजयवाड़ा की एक अदालत द्वारा कथित कौशल विकास घोटाले में नायडू को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद उन्होंने एक्स पर पत्र पोस्ट किया। तेदेपा नेता ने लिखा कि मैं दर्द से भारी दिल और आंसुओं से नम आंखों के साथ आज आपको लिख रहा हूं। मैं अपने पिता को आंध्र प्रदेश और तेलुगू लोगों की भलाई के लिए अपना दिल और आत्मा लगाते हुए देखकर बड़ा हुआ हूं। उन्हें कभी भी आराम का दिन नहीं मिला, लाखों लोगों की जिंदगी बदलने के लिए अथक प्रयास कर रहा हूं। उनकी राजनीति हमेशा गरिमा और ईमानदारी से चिह्नित रही है। उनके हार्दिक धन्यवाद ने उन्हें एक बच्चे की खुशी के समान शुद्ध खुशी से भर दिया। मैं भी उनके महान पथ से प्रेरणा ली और उनके नक्शेकदम पर चलते हुए, अमेरिका में एक आरामदायक नौकरी छोड़कर भारत लौट आया।
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बेटे लोकेश ने कहा कि यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन मुझे अपने राष्ट्र, हमारी प्रणालियों, हमारे मूलभूत सिद्धांतों और सबसे ऊपर, पर विश्वास था। हमारा संविधान। फिर भी, आज, जब मैं देखता हूं कि मेरे पिता को एक ऐसे अपराध के लिए अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में डाल दिया गया है जो उन्होंने कभी नहीं किया, तो मेरा गुस्सा उबल रहा है और मेरा खून खौल रहा है लोकेश ने पूछा, क्या राजनीतिक प्रतिशोध की गहराई तक पहुंचने की कोई सीमा नहीं है? मेरे पिता की क्षमता का व्यक्ति, जिसने अपने देश, राज्य और तेलुगू लोगों के लिए बहुत कुछ किया है, उसे ऐसा अन्याय क्यों सहना चाहिए? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि वह कभी भी प्रतिशोध या विनाशकारी राजनीति में शामिल होने के लिए नीचे नहीं गिरा। हम आंध्र प्रदेश और दुनिया भर के तेलुगू लोगों के लिए अटूट दृढ़ संकल्प द्वारा निर्देशित एक अजेय शक्ति के साथ उठेंगे। मैं आपसे इस लड़ाई में मेरे साथ शामिल होने के लिए कहता हूं।