सागर । संभागायुक्त डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य विभाग के अधीकारियों से कहा कि प्रसव के दौरान होने वाली मातृ मृत्यु को रोकने के लिए फील्ड पर जाकर स्वास्थ्य अमले को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। डा. वीरेन्द्र सिंह रावत आज सिविल लाईन स्थित एक होटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मातृ मृत्यु रोकने के लिए आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सागर संभाग की क्षेत्रीय संचालक डा. ज्योति चौहान और सीएमएचओ डा. ममता तिमोरी भी उपस्थित थी।
डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मातृ मृत्यु को रोकने के उपायों को सुझाने के लिए ऐसी बैठकें नियमित होनी चाहिए। क्यांकि, समीक्षा बैठकों में जब प्रसूति रोग विशेषज्ञ से लेकर आशा कार्यकर्ता एक स्थान पर एकत्रित होंगे तो इस दिशा में गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श होगा। केस स्टडी से अन्य चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी जानकारी मिलेगी और वे बेहतर प्लानिंग इस कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिलों में तहसील, ब्लॅाक व ग्राम स्तर पर तैनात स्वास्थ्य अमले को आवश्यकता पड़ने पर वरिष्ठ चिकित्सकों से सलाह मशविरा करना चाहिए। वैसे मध्यप्रदेश में दिनों-दिन मातृ मृत्यु दर में कमी आ रही है,
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जिसका श्रेय राज्य सरकार की नीतियों, चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफ को जाता है। समीक्षा बैठकों और कार्यशालाओं से स्वास्थ्य अमला जो सीखे, उसे फील्ड में जाकर क्रियान्वित कराये। डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि फील्ड में रहने वाली आशा कार्यकर्ता को ट्रेनिंग अवश्य देना चाहिए, क्योंकि वे क्षेत्र और लोगों के सतत् संपर्क में रहती है।प्रारंभ में कमिश्नर डा. रावत ने सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर समीक्षा बैठक का शुभारंभ किया। डा. ज्योति चौहान ने बैठक के आयोजन पर प्रकाश डाला। संभाग के सागर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी जिलों के कुछ प्रकरणों में केस स्टडी का प्रस्तुतिकरण हुआ। बैठक में जिलों के सीएमएचओ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ और केस स्टडी से जुड़ी से जुड़ी आशा कार्यकर्ता भी उपस्थित थी।