नई दिल्ली। भारत में हाल ही संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खूब नखरे दिखाए थे। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कनाडाई पीएम ट्रूडो के सुरक्षाकर्मियों ने यहां की खुफिया मशीनरी में तब खलबली मचा दी, जब उन्होंने जी20 के राष्ट्राध्यक्षों के लिए निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान द्वारा विशेष रूप से सुसज्जितराष्ट्रपति कक्ष में रहने देने से अपने ‘संरक्षित व्यक्ति’ को इनकार कर दिया!
सूत्रों ने कहा कि मध्य दिल्ली के ललित होटल में, जहां ट्रूडो ठहरे थे, वहां पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक की मोटी परत के साथ बुलेटप्रूफ ग्लासयुक्त एक उन्नत सुरक्षा कवच स्थापित किया गया था, जो स्नाइपर गोलियों को भी रोक सकता है। फुलप्रूफ व्यवस्था के तहत अन्य सुरक्षा उपकरण भी लगाए गए थे। हालांकि, ट्रूडो के प्रतिनिधिमंडल ने सुइट में नहीं रहने का फैसला किया और इसके बजाय सामान्य कमरों को चुना, जिससे भारतीय सुरक्षा अधिकारी सकते में आ गए। अगले कुछ घंटों में कई दौर की बातचीत हुई, जिसके दौरान भारतीय अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद के लिए प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए।
हालांकि, कनाडाई पक्ष के न मानने के बाद भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को पीछे हटना पड़ा और जस्टिन ट्रूडो को एक सामान्य कमरे में रहने की अनुमति दी गई, क्योंकि ऐसे मामलों में अंतिम फैसला आगंतुक गणमान्य व्यक्ति और उनके दूतावास का होता है। पता चला है कि कनाडाई लोगों ने नियमित कमरों में रहने के बावजूद प्रेसिडेंशियल सुइट के लिए भी भुगतान करने की पेशकश की थी। सूत्रों ने अनुमान लगाया कि ट्रूडो शायद अपनी सुरक्षा टीम के निर्देशों का पालन कर रहे होंगे, जिसे दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की आशंका थीं।
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जी20 शिखर सम्मेलन के बाद विवाद की स्थिति बनी, क्योंकि ट्रूडो 36 घंटे की देरी के बाद ही कनाडा के लिए रवाना हो सके। उन्हें रविवार10 सितंबर की रात कनाडा निकलना था, लेकिन उनके विमान में तकनीकी खराबी के कारण उन्हें दिल्ली में ही रुकना पड़ा। विमान के उड़ान-पूर्व निरीक्षण के दौरान इस समस्या का पता चला, जिसके बाद अधिकारियों ने एयरबस विमान को उड़ान भरने से रोक दिया।गड़बड़ी ठीक होने और विमान को उड़ान भरने की मंजूरी के बाद कनाडाई पीएम 12 सितंबर, 2023 की दोपहर दिल्ली से कनाडा के लिए रवाना हुए। हालांकि, जस्टिन ट्रूडो के विमान में खराबी का यह पहला मामला नहीं था। साल 2016 और 2019 में भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई थीं। भारत ने ट्रूडो को कनाडा वापस ले जाने के लिए एक विमान की पेशकश की थी, लेकिन कनाडाई अधिकारियों ने इसे अस्वीकार कर दिया था।