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दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्र में छूट के खिलाफ दर्ज जनहित याचिका खारिज की
नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए उम्र में छूट के खिलाफ दर्ज जनहित याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। दरअसल, हाईकोर्ट में डुसू प्रत्याशियों के लिए उम्र में तीन साल की छूट के विरुद्ध एक जनहित याचिका दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि उम्र में छूट कोविड-19 महामारी के मद्देनजर
‘समावेशी’ कदम होगा तथा इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अधिकाधिक संख्या में विद्यार्थी शिरकत कर पाएंगे। याचिकाकर्ता हरीश कुमार ने आरोप लगाया कि स्नातक विद्यार्थियों के लिए ऊपरी उम्र सीमा 22 से बढ़ाकर 25 वर्ष करने और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए यह सीमा 25 से बढ़ाकर 28 साल करने को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के 27 अगस्त के नोटिस से हिंसा और अराजकता को बढ़ावा मिल सकता है। अकादमिक संस्थानों में अनधिकृत घुसपैठ होगी तथा धनबल एवं बाहुबल का प्रदर्शन बढ़ जाएगा।
डीयू के पूर्व विद्यार्थी की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि इसमें जनहित जैसा कुछ नजर नहीं आता। डूसू का चुनाव कहने के लिए छात्र संघ का चुनाव है, लेकिन इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस भी पूरी ताकत झोंक रही हैं। एबीवीपी को चुनाव जिताने के लिए बीजेपी शीर्ष स्तर पर रणनीति बना रही है, तो वहीं एनएसयूआई की ओर कांग्रेस भी इस चुनाव में पूरी ताकत झोंकती हुई नजर आ रही है। बता दें कोरोना काल के बाद चार साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव कराए जा रहे। इस बार छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान 22 सितंबर को संपन्न कराया जाएगा।
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