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मूक-बधिर बालिकाओं के मुख्य आतिथ्य में हुआ प्रतिभाशाली बच्चों का सम्मान
::स्व. श्रीमती मनोरमा लिम्बोदिया की स्मृति में श्री सकल पंच फूल माली समाज और लिम्बोदिया परिवार का भावपूर्ण प्रेरक आयोजन::
इन्दौर गांधी- शास्त्री जयंती के दिन स्व. श्रीमती मनोरमा लिम्बोदिया के द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर श्री सकल पंच फूल माली समाज और लिम्बोदिया परिवार ने शिक्षा के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शैक्षणिक सामग्री का वितरण किया।
आयोजन की विशेषता यह थी कि मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में पांच मूक- बधिर संस्थान की पांच विशेष बच्चियां उपस्थित थीं एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान भी किसी नेता या अन्य वीआइपी द्वारा नहीं अपितु इन बच्चियों एवं लिम्बोदिया परिवार की बच्चियों द्वारा ही किया गया। इस अवसर पर अतिथि वक्ताओं ने गांधीजी एवं शास्त्रीजी के आदर्शों से जुड़ी बातें भी नई पीढ़ी के बच्चों को बताईं।स्वागत उद्बोधन में सुश्री केशवी लिम्बोदिया ने अपनी दादीजी श्रीमती मनोरम लिम्बोदिया के सेवाभावी प्रेरक व्यक्तित्व को याद किया। समाज के
अध्यक्ष पारस बुड़ाना ने श्रीमती मनोरमा लिम्बोदिया की स्मृतियों को शिक्षा के प्रसार के साथ जोड़कर सहेजने एवं किसी वीआईपी के स्थान पर मासूम बालिकाओं को मुख्य अतिथि बनाने को नवरात्रि से पूर्व ही कन्या पूजन समान बताते हुए इसकी खूब प्रशंसा की। श्री आनंद सर्विस सोसाइटी मूक बधिर संस्थान के अध्यक्ष श्री ज्ञानेंद्र पुरोहित ने सभी उद्बोधनों को साइन लैंग्वेज के जरिए विशेष बच्चों तक पहुँचाया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हर बार दिव्यांग बच्चों के कार्यक्रम सिर्फ उनके बीच ही होते हैं, यह पहला अवसर है जब विशेष बच्चे सामान्य बच्चों के साथ एक साथ एक स्तर पर बैठकर बराबरी से आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं और इसलिए वे सभी बेहद प्रसन्न हैं। ऐसे समान अवसर उपलब्ध कराने वाले आयोजनों की सख्त जरूरत है। एक विशेष बालिका सुश्री दिव्या बोले एक साथ सामान्य बच्चों के साथ मंच साझा करने से इतनी प्रसन्न हुई कि उसने स्वप्रेरणा से साइन लैंग्वेज में संबोधन देते हुए लिम्बोदिया परिवार को धन्यवाद दिया।
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