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पीयूसी लेने के लिए 1 नवंबर से पश्चिम बंगाल में लागू होगा नया नियम
-पहले देना होगा बकाया टैक्स और जुर्माना, तब मिलेगा जियोफेंसिंग का सर्टिफिकेट
कोलकाता । पश्चिम बंगाल परिवहन मंत्रालय ने पीयूसी प्राप्त करने के लिए नियमों में बदलाव किया है। ये नए नियम एक नवंबर से लागू हो जाएंगे। गौरतलब है कि विभाग ने पिछले कुछ हफ्तों से गाड़ी मालिकों के लिए प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) सर्टिफिकेट प्राप्त करने के नियमों को सख्त बना रहा है। अब पीयूसी सर्टिफिकेट पर कोई समझौता न कर और सख्त उत्सर्जन नियमों को लागू करने के लिए राज्य मंत्रालय ने पीयूसीसी संस्करण 2.0 लागू कर दिया है।
नए प्रमाण-पत्र पाने के लिए मंत्रालय ने पहले राज्य के सभी उत्सर्जन परीक्षण केंद्रों पर जियोफेंसिंग लागू की है, क्योंकि गाड़ी मालिक टेस्टिंग सेंटर्स पर जाए बिना ही पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त कर रहे थे, लेकिन जियोफेंसिंग की वजह से बिना सेंटर पर जाए पीयूसी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता। नया नियम 1 नवंबर से लागू हो जाएगा। दी गई सूचना के अनुसार अब वाहन मालिकों को पीयूसी प्रमाणपत्र हासिल करने से पहले सभी बकाया टैक्स और जुर्माने का भुगतान करना होगा। नए नियम के अनुसार यदि टैक्स और जुर्माना नहीं चुकाया जाता है, तो उस वाहन को पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा।
अब राज्य सरकार ने यह भी अनिवार्य कर दिया है कि सभी वाहनों को पीयूसी प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए रियल-टाइम टेलपाइप उत्सर्जन टेस्टिंग के लिए उत्सर्जन परीक्षण केंद्रों पर उपस्थित होना होगा। परिवहन सचिव सौमित्र मोहन की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि ऑटो उत्सर्जन परीक्षण केंद्रों (एईटीसी) को पीयूसीसी के लिए सिर्फ उन्हीं वाहनों पर काम करना चाहिए, जो टैक्स, जुर्माना, पेनाल्टी, लंबित ई-चालान आदि जैसी किसी भी चीज से मुक्त हैं। इसमें कहा गया है कि यदि एईटीसी बकाया टैक्स वाले वाहनों को पीयूसीसी जारी करता है तो उसे दंडित किया जाएगा। इसलिए कोई वाहन बिना जांच के सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं कर सकेगा।
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