नई दिल्ली । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की टीम के कई अधिकारी इन दिनों भारत में हैं। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर जारी बातचीत के सिलसिले में दिल्ली आए हैं। इसकी किसी ने कोई पुष्टि नहीं की है। किसी विभाग की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आम चुनाव अभियान पर निकलने से पहले फरवरी के अंत तक एफटीए को अंतिम रूप देने का विचार कर सकती है। वर्ष 2024 में दोनों ही देशों में चुनाव होने हैं। भारत के साथ व्यापार समझौते पर हत्साक्षर करने से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की छवि भी मजबूत होगी।
इसमें 13 दौर की बातचीत हो चुकी है। बैठकों के साथ ही ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली टोरी सरकार एक समझौते को सुरक्षित करने के लिए निश्चित नई समयसीमा तय करने को लेकर सतर्क है। डीबीटी के एक प्रवक्ता ने यूके सरकार के आधिकारिक रुख को दोहराते हुए कहा कि यूके और भारत एक महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते को आगे बढ़ा रहे हैं जो दोनों देशों के हितों की रक्षा करता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पुष्टि की कि एफटीए पिछले महीने उनकी यूके यात्रा के दौरान एजेंडा आइटम में से एक था। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों पक्ष हितों को पूरा करेगी।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुनक और अन्य वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा- मेरा मानना है कि दोनों पक्ष एफटीए के महत्व को समझते हैं। अपनी नवंबर यात्रा के दौरान मंत्री ने यूके के विपक्षी नेताओं के साथ एफटीए पर भी चर्चा की लेबर नेता कीर स्टार्मर और छाया विदेश सचिव डेविड लैमी के साथ बैठकें कीं। शुरुआत में ऐसा माना जा रहा था कि ऋषि सुनक बहुप्रतीक्षित एफटीए को अंतिम रूप देने के लिए 29 अक्टूबर को लखनऊ में इंग्लैंड बनाम भारत विश्व कप मुकाबले में क्रिकेट कूटनीति का इस्तेमाल करेंगे। टोरी पार्टी में आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल और इज़राइल-हमास संघर्ष जैसे वैश्विक तनाव के कारण ऐसा नहीं हुआ था।