भोपाल। प्रदेश में भोपाल-जबलपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर तीन गोठान बनाए जाएंगे। राष्ट्रीय राजमार्गों पर लावारिश घूमने वाले गोवंशों को सुरक्षित रखने के लिए गोठानों का निर्माण किया जाएगा। भोपाल-जबलपुर के बीच 300 किलोमीटर के दायरे में तीन गोठानों को विकसित किया जाएगा। इन गोठानों में लगभग 100 गोवंश रखे जा सकेंगे। इनका निर्माण करने के लिए मध्य प्रदेश गोसंवर्द्धन बोर्ड ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
इनके निर्माण से लेकर गोवंश के रखरखाव में राजस्व विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पशुपालन विभाग का पूरा सहयोग रहेगा। बता दें कि प्रदेश की सड़कों पर लगभग आठ लाख गोवंश बेसहारा हैं। सर्दियों की शुरुआत से गर्मियों तक राजमार्गों पर इनकी संख्या बढ़ जाती है। गोठान का अर्थ गायों के बैठने की खुली व्यवस्था है। इनका निर्माण करने के लिए लगभग एक एकड़ जमीन का उपयोग किया जाएगा। इसमें लगभग 50 हजार से एक लाख रुपये तक की लागत आएगी। ये गोठान हेलीपैडनुमा गोलाकार होंगे।
इनमें फर्श भी बनाए जाएंगे। इसके आसपास पानी की व्यवस्था की जाएगी और गोमूत्र का संग्रह करने के लिए भी स्थान बनाया जाएगा। राजमार्ग से लगे जंगल की तरफ इन गोठानों का निर्माण होगा। नेशनल हाईवे अथारिटी द्वारा गोठान के निर्माण में सहयोग करते हुए तार फेंसिंग कराई जाएगी, जिससे गोवंश इससे निकलकर सड़क पर नहीं जा सकें। इसके अलावा आथरिटी के कर्मचारी मार्ग से गोवंश को पकड़कर गोठान तक पहुंचाएंगे।
इन गोठानों में करीब 100 गोवंश आसानी से ठहर सकेंगे। वर्ष 2022 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी दतिया आए थे। जब वह सड़क मार्ग से एक कार्यक्रम के लिए रवाना हुए तो गोवंश का झुंड देखने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इनका व्यवस्थापन करने के लिए कहा था। इसके बाद से ही गोठानों का निर्माण करने की तैयारी की जा रही है। भोपाल से जबलपुर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर बाडी-बरेली, चिकलौद, ओबेदुल्लागंज क्षेत्र ब्लैक स्पाट बन गया है। यहां पर सबसे ज्यादा बेसहारा गोवंश हाईवे पर बैठे रहते हैं।
आए दिन एक से दो पशुओं की मौत यहां से गुजरने वाले भारी वाहनों से टकराने से होती है। साथ ही कई बार यात्री वाहन भी हादसे के शिकार हो जाते हैं। इस बारे में गोसंवर्द्धन बोर्ड कार्य परिषद के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरि का कहना है कि भोपाल से जबलपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर 300 किलोमीटर के दायरे में तीन गोठान बनाने का प्रस्ताव है। इस संबंध में जल्द ही जिलों के कलेक्टर से चर्चा की जाएगी। इनका निर्माण होने से मार्ग पर विचरण करने वाले गोवंश की संख्या में कमी आएगी और उन्हें सुरक्षित स्थान मिल सकेगा।