जबलपुर, । कृषि विभाग एवं कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा ई कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से अनुदान पर कृषि यंत्र एवं सिंचाई यंत्र वितरित किए जाते हैं। जिसमें कृषकों को आवेदन हेतु धरोहर राशि के रूप में बैंक द्वारा डिमांड ड्राफ्ट बनवाना पड़ता था। परंतु अब यह प्रक्रिया बंद होकर कृषक सीधे ही धरोहर राशि ऑनलाईन प्लेटफॉर्म के माध्यम से जमा कर सकेंगें। कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय के आदेश अनुसार ऑनलाईन भुगतान सुनिश्चित होने पर ही आवेदक लॉटरी के लिये पात्र होगा।
ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल ऐसे आवेदन जिन पर लॉटरी दिनांक से पूर्व धरोहर राशि के भुगतान की पुष्टीकरण बैंक स्तर से प्राप्त नही होती है तो ऐसे आवेदन पर कोई भी विचार नही किया जावेगा। भुगतान की पुष्टी न होने पर कृषक के द्वारा जमा की गई राशि की जवाबदेही विभाग की नही होगी,
अगर पेमेंट भुगतान का सेटलमेंट लॉटरी दिनांक या इसके पश्चात् होता है तो कृषक को वह राशि नियमानुसार वापिस कर दी जावेगी। किंतु ऐसे प्रकरण लॉटरी में सम्मिलित नहीं होगें। पोर्टल पर लॉटरी उपरांत जिन आवेदकों के नाम कंफर्म या प्रतीक्षा सूची में होगें उनकी धरोहर राशि प्रकरण के अंतिम निराकरण पश्चात् ही रिफंड की जावेगी एवं इसके अतिरिक्त सभी आवेदकों की धरोहर राशि लॉटरी दिनांक उपरांत तत्काल रिफंड की जावेगी।
प्रतीक्षा सूची के कृषकों को संचालनालय द्वारा निर्धारित समयावधि उपरांत रिफंड की कार्यवाही की जावेगी। ऐसे आवेदक जो लॉटरी में चयनित है किंतु उनके द्वारा कृषि यंत्र क्रय की कार्यवाही नहीं की जाती है, इस स्थिति में संबंधित आवेदक की धरोहर राशि के संबंध में संचालनालय द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। डीबीटी पोर्टल अंतर्गत ऑनलाईन भुगतान द्वारा धरोहर की नवीन व्यवस्था २२ दिसम्बर से लागू होगी।