इन्दौर । आज हर मानव भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सुबह से रात तक भागता रहता है और अपने वर्तमान में किए हुए कर्म को नजर अंदाज करता है परंतु हमारे भविष्य का आधार है वर्तमान श्रेष्ठ कर्म। जितना हमारा वर्तमान अच्छा होगा उससे कई गुणा बेहतर हमारा भविष्य होगा।
उक्त विचार ज्ञान शिखर, ओमशांति भवन में चल रहे पांच दिवसीय आध्यात्मिकता के पथ पर जीवन उत्सव के अंतर्गत तीसरे सत्र में बेहतर कल के लिए बेहतर कर्म विषय पर मुंबई के मोटिवेशनल स्पीकर प्रोफेसर ई.वी. गिरीश ने व्यक्त किये। प्रो. गिरीश ने कहा आज की शिक्षा में विद्यार्थी को अनेक प्रकार के प्रबंधन सिखाए जाते हैं परंतु स्व का प्रबंधन किसी भी स्कूल कॉलेज में नहीं सिखाया जाता है किंतु आध्यात्मिकता हमें स्व की सही पहचान देता है। स्व स्वरूप में स्थित होने से हमारे कर्मों में श्रेष्ठता आने लगती है जिससे हमारा वर्तमान जीवन भी सुखी बनता है और भविष्य भी सुखमय बन जाता है।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने बताया कि आगे भी ध्यान की गहन अनुभूति के लिए 11 जनवरी से ज्ञान शिखर में आयोजित सात दिवसीय राजयोग शिविर का आयोजन दो सत्रों में किया गया है जिसका समय रहेगा प्रातः एवं संध्या 7:30 से 8:30 तक।