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मालवणी हिंसा पर हाईकोर्ट ने कहा : सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखे पुलिस
मुंबई । बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को रामनवमी उत्सव के दौरान 30 मार्च को मालवणी क्षेत्र में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने यह आदेश सामाजिक कार्यकर्ता मुहम्मद जमील मर्चेंट की ओर से दायर याचिका पर शनिवार को सुनवाई करते हुए दिया।जमील की ओर से न्यायालय में पेश होने वाले वकीलों में संजीव कदम और बी वी बुखारी शामिल थे। राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजक कौशिक म्हात्रे और सहायक लोक अभियोजक आर एम पेठे ने किया।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा विशेष लोक अभियोजक ने पुलिस उपायुक्त अजय कुमार बंसल की ओर से एक हलफनामा दायर किया गया है। उक्त हलफनामे से ऐसा प्रतीत होता है कि नौ अगस्त 2023 के आदेश के अनुसार संबंधित सीसीटीवी फुटेज एकत्र कर लिया गया है। उक्त हलफनामे के जवाब में पंचनामा, धारा 65बी प्रमाणपत्र संलग्न है। जिससे पता चलता है कि कुछ सीसीटीवी फुटेज ठीक स्थिति में हैं और सही स्थिति में नहीं हैं।
सीसीटीवी वीडियो और ऑडियो फुटेज पर उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए
निर्देशों के उल्लंघन के मद्देनजर न्यायालय ने याचिकाकर्ता को एक स्वतंत्र याचिका दायर करने की भी अनुमति दी है। मामले में आरोपी बनाए गए जमील का दावा है कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। वह भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस की मदद कर रहा था। उन्होंने कहा पुलिस सीसीटीवी फुटेज को इस वजह से नहीं दिखा रही है क्योंकि वह जानती है कि इससे मैं बरी हो जाऊंगा। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। याचिकाकर्ता के अनुसार ऐसी अपील का कारण यह है कि थाने में बैठे राजनीतिक नेताओं की ओर से एफआईआर दर्ज करने और याचिकाकर्ता का नाम प्राथमिकी में शामिल करने का दबाव था जबकि याचिकाकर्ता मदद और सहयोग कर रहा था। पुलिस एजेंसी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थी जिसे याचिकाकर्ता के भवन परिसर में भेजा गया था।
जमील ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि पुलिस ने कुछ अन्य कारण बताकर फुटेज साझा करने से इनकार कर दिया है। उन्हें संदेह है कि फुटेज को डिलीट किया जा सकता है इसलिए उन्होंने अदालत से इसे बचाने का आग्रह किया है। जमील ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके खिलाफ साजिश रची और एफआईआर में उनका नाम शामिल किया। जमील ने मुंबई के संरक्षक मंत्री मंगल लोढ़ा, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उत्तरी क्षेत्र राजीव जैन, पुलिस उपायुक्त अजय बंसल और मालवणी थाने के खिलाफ शिकायत बॉम्बे उच्च न्यायालय, महाराष्ट्र लोकायुक्त और मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है।
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