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इंदौर-बुधनी रेल लाइन के विरोध में किसानों ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की मुलाकात
किसान रेल लाइन और रिंग रोड जमीन अधिग्रहण का कर रहे हैं विरोध
भोपाल । इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन एवं आउटर रिंग रोड के प्रभावित किसानों मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले। प्रभावित किसानों ने बाजार मूल्य का चार गुना एवं रेलवे लाइन का फिर से सर्वे करवा कर सरकारी एवं वन भूमि में से रेलवे लाइन निकालने की मांग की।आउटर रिंग रोड योजना के प्रभावित किसानों ने रिंग रोड योजना रद्द करने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री के सामने रखी। चौहानने किसानों को भरोसा दिलाया की किसी भी हालत में किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलने पहुंचा। किसानों की समस्याओं से चौहान को अवगत कराया। किसान नेता हंसराज मंडलोई ने आगे बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने इस मौके पर शिवराज मामा को बताया कि इंदौर बुधनी रेलवे लाइन का काम विगत सात सालों से चल रहा है।
परंतु किसानों को मुआवजा अब दिया जा रहा है। इतने वर्षों में जमीन की कीमत 20 से 25 गुना तक बढ़ गई। परंतु सरकार ने जमीन की गाइडलाइन बढ़ाने के बजाय उल्टे 20 प्रतिशत कम कर दी, ताकि किसानों को कम मुआवजा देना पड़े। इंदौर से बागली एवं खातेगांव से बुधनी तक सरकारी एवं वन भूमि मौजूद है, तो फिर हमारी खेती योग्य उपजाऊ भूमि में से रेलवे लाइन निकालकर हमें क्यों बर्बाद किया जा रहा है। किसानों ने फिर से सर्वे करवा कर सरकारी एवं वन भूमि में से रेलवे लाइन को निकालने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने रखी।
आउटर रिंग रोड इंदौर पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के संबंध में भी किसानों ने कहा की आउटर रिंग रोड की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए इस योजना को रद्द किया जाए। यह योजना सिर्फ भू माफिया और बड़े नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है। इसके कारण किसान परिवार बर्बाद हो जाएंगे। किसानों ने सुझाव दिया की इंदौर शहर के आसपास जो सडक़ मार्ग मौजूद है उनको ही चौड़ा कर दिया जाए। ऐसे में नई रिंग रोड की कोई जरूरत ही नहीं है।
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