-छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन हुआ राज्यपाल का अभिभाषण
रायपुर,। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि कम समय में ही सरकार ने जनता से किए गए वादे पूर्ण करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं, जिसके कारण प्रदेश में न्याय, राहत और विकास का नया दौर शुरू हुआ है। राज्यपाल हरिचंदन ने आज विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन अपने अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार ने ‘समृद्ध किसान-संपन्न प्रदेश‘ की अवधारणा पर तेजी से अमल किया और साल के धान के बकाया बोनस 3 हजार 716 करोड़ रुपए की राशि अंतरित कर दी गई है। किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का वादा भी निभाया गया और धान खरीदी की पारदर्शी और सुगम व्यवस्था भी की गई, जिससे इस वर्ष छत्तीसगढ़ में अब तक का सर्वाधिक धान खरीदी का कीर्तिमान स्थापित हुआ है।

राज्यपाल ने कहा कि जनजाति उत्थान-प्रदेश का मान ध्येय वाक्य अनुसूचित जनजाति के जीवन से जुड़े सभी पहलुओं पर मेरी सरकार की संवेदनशीलता और सकारात्मक सोच को प्रकट करता है। बच्चों की शिक्षा से लेकर पूरे समुदाय की संस्कृति, स्वास्थ्य, आवश्यक अधोसंरचना, रोजगार, जीवन स्तर उन्नयन जैसे सभी विषयों पर तेजी से काम किया जाएगा। राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित लगभग 18 लाख हितग्राहियों को पक्के आवास उपलब्ध कराने का निर्णय कैबिनेट की पहली बैठक में लिया गया। इससे ग्रामीण अंचलों में आवासहीन परिवारों को नया जीवन मिलेगा।

राज्यपाल ने कहा कि वहीं मेरी सरकार घर-घर निर्मल जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के कार्य को शत-प्रतिशत पूर्ण करने हेतु अग्रसर हुई है। यह मेरी सरकार की न्यायप्रियता और संवेदनशील नजरिए की एक बड़ी मिसाल है। मेरी सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत दिसम्बर 28 तक निःशुल्क चावल प्रदाय करने का निर्णय लिया है।छत्तीसगढ़ में इस योजना से 67 लाख 94 हजार अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशन कार्डधारियों को मासिक पात्रता का चावल दिया जाएगा।
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रज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, वनवासी एवं अन्य अंचलों की संस्कृतियां, विभिन्न अंचलों के पर्व-त्यौहार, जन आस्था केन्द्रों जैसे अवयवों को समग्रता से देखते हुए सांस्कृतिक और पर्यटन विकास का ताना-बाना बुना जा रहा है। पांच शक्ति पीठों-कुदरगढ़, चन्द्रपुर, रतनपुर, दंतेवाड़ा तथा डोंगरगढ़ को चार धाम की तर्ज पर विकसित करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसी तरह स्थानीय विशेषताओं को पर्यटन विकास का केन्द्र बनाया जाएगा। उन्होने कहा कि राजिम कुंभ (कल्प) तीन जीवनदायिनी नदियों का त्रिवेणी संगम ही नहीं है। देश और दुनिया के तीर्थ मानचित्र में राजिम कुंभ को स्थान दिलाने प्रयासरत है।