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वेतन और पेंशन बढ़ाने से बैंक को होगा 26000 करोड़ का नुकसान: एसबीआई चेयरमैन
नई दिल्ली। देश के प्रमुख बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि उसके कर्मचारियों का वेतन और पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ाने से बैंक को लगभग 26000 करोड़ का नुकसान होगा। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि हाल में अदालत के आदेश के बाद बैंक ने अपने 1.8 लाख पेंशनभोगियों को 50 प्रतिशत की दर से भुगतान करने का फैसला किया है। जिससे वेतन वृद्धि के प्रभाव से मार्च के अंत तक बैंक के मुनाफे में 25,990 करोड़ रुपये की कमी आएगी।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि बैंक ने पहले ही सितंबर, 2023 तक 13,400 करोड़ रुपये और दिसंबर तिमाही में अतिरिक्त 7,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अलावा मार्च तिमाही में 5,490 करोड़ रुपये और रखने होंगे। इस तरह, कुल 25,990 करोड़ का प्रावधान करना होगा, जिसमें ज्यादातर पेंशन पर खर्च किए जाएंगे। बैंक और कर्मचारी संघों के साथ हुए समझौतों के तहत 17 फीसदी ऊंचे वेतन का प्रावधान किया गया है।
इसमें पेंशन बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। कर्मचारियों का यह संशोधित वेतन नवंबर, 2022 से ही प्रभावी माना जाएगा। खारा ने बताया कि 2023-24 की आखिरी तिमाही यानी मार्च तक वेतन वृद्धि का प्रस्ताव बढ़कर 26 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा। बैंक ने हाल में ही अपना तिमाही परिणाम जारी कर दिया, जिसमें बैंक ने बताया कि उसका मुनाफा 35 फीसदी कम हो गया है। खारा ने कहा है कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ाने की वजह से बैंक के मुनाफे में बड़ी गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा कि यदि वेतन और पेंशन के लिए एकमुश्त प्रावधान नहीं होता तो बैंक का मुनाफा 16,264 करोड़ रुपये रहता।
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