- कागजों पर हुआ मस्जिद का काम, रमजान के बाद रखेंगे नींव

कागजों पर हुआ मस्जिद का काम, रमजान के बाद रखेंगे नींव

-‎विवाद खत्म होने के बाद अयोध्या में मं‎दिर तो बन गया, ले‎किन म‎स्जिद अब बनेगी
नई दिल्ली । अयोध्या में दशकों पुराना विवाद खत्म होने के बाद यहां भव्य राम मंदिर तो तैयार हो गया है, मगर उस जगह पर मस्जिद का काम शुरु ही नहीं हुआ है, जिसके निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में आदेश दिया था। बताया जा रहा है ‎कि म‎स्जिद का काम ‎फिलहाल कागजों पर हो गया है, बाकी रमजान के बाद नींव रखी जाएगी। दरअसल, अयोध्या जिले के धन्नीपुर में बाबरी के बदले बनने वाली मस्जिद का नाम पैगंबर के नाम पर ‘मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद’ रखा गया है।
अयोध्या में रमजान से पहले रखी जाएगी मस्जिद की नींव:यह भारत की सबसे बड़ी  मस्जिद होगी, मक्का के इमाम पढ़ेंगे पहली नमाज - Janmanas Shekhawati




 ‎मिली जानकारी के अनुसार धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद की जमीन पर जल्द शुरू होगा। बताया जा रहा है कि रमजान के बाद मस्जिद की नींव रख दी जाएगी। एक मी‎डिया ‎रिपोर्ट के मुताबिक, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सीनियर अधिकारी की मानें तो अयोध्या में भव्य मस्जिद का निर्माण इसी साल मई से शुरू कर दिया जाएगा और इसे पूरा होने में तीन-चार साल लगने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि रमजान के बाद मई महीने में एक शुभ मुहूर्त देखकर मस्जिद की नींव रख दी जाएगी। 
हालांकि अब तक तारीख को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है। 







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अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहे इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की विकास समिति के प्रमुख हाजी अराफात शेख के मुताबिक मस्जिद के लिए पैसे जुटाने के लिए एक क्राउड-फंडिंग वेबसाइट लॉन्च की जाएगी। गौरतलब है कि राम मंदिर के लिए भी क्राउड फंडिंग हुई थी और रामभक्तों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट और बैंक अकाउंट के जरिए दान ‎किया था। दरअसल अयोध्या में राम मंदिर और मस्जिद को लेकर साल 2019 में एक ही वक्त में फैसला आया। अब सवाल उठता है कि अयोध्या में राम मंदिर बन गया, मगर मस्जिद की अब तक नींव भी क्यों नहीं रखी गई? इसे लेकर आईआईसीएफ यानी इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद के निर्माण में इस कारण देरी हुई है, क्योंकि वे डिजाइन में और ज्यादा पारंपरिक तत्व जोड़ना चाहते हैं।

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर साल 2019 में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने विवादित स्थल को हिन्दू पक्ष को सौंपने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाया जाएगा, वहीं मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन अलग जगह पर प्रदान की जाएगी, जो ‎कि धन्नीपुर मस्जिद स्थल नवनिर्मित राम मंदिर से करीब 22 किमी दूर है। हाजी अरफात शेख ने कहा कि नई मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होगी, ‎जिसके ‎लिए मक्का के इमाम इस मस्जिद का शिलान्यास करने आएंगे। मस्जिद परिसर में चिकित्सा, शैक्षिक और अन्य सामाजिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
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