- अंतरिक्ष की दुनिया में भारत के बढ़ते कदम: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड हुए 189 स्टार्टअप

अंतरिक्ष की दुनिया में भारत के बढ़ते कदम: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड हुए 189 स्टार्टअप

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में बजट सेशन के दौरान ही राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए स्पेस सेक्टर के डेवलपमेंट की चर्चा की और मिशन मंगलयान की सफलता गिनाई, तो वहीं आज केंद्रीय स्वतंत्र राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे लेकर राज्य सभा में ही एक लिखित बयान दिया। सिंह ने कहा कि स्पेस सेक्टर से जुड़े स्टार्ट अप्स को मजबूत बनाने के मोदी सरकार ने कई तरह के कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लॉन्च व्हीकल और मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी केंद्र सरकार स्टार्ट अप्स की फाइनैंशियल मदद भी कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में इस समय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड स्टार्ट अप्स की संख्या करीब 189 पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 भारत सरकार द्वारा जारी की गई है, जहां ओवरऑल भारतीय स्पेस इकोसिस्टम में हिस्सा लेने वाले सभी हितधारकों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां बताई गई हैं।

भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत स्टार्ट-अप्स की  कुल संख्या 189: केंद्रीय मंत्री डॉ. ज


जितेंद्र सिंह ने अपने लिखित बयान में कहा कि प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने और उसका समर्थन करने के लिए इन स्पेस-ई  द्वारा कई योजनाओं का ऐलान किया गया है और उन्हें लागू किया गया। बता दें कि इन स्पेस-ई एक स्वतंत्र नोडल एजेंसी है, जो स्पेस सेक्टर में काम कर रही प्राइवेट फर्मों को मॉनीटर करती है।एजेंसी इसरो (इसरो) और गैर-सरकारी संस्थाओं  के बीच एक इंटरफेस के तौर पर काम करती है और यह आकलन करती है कि भारत के अंतरिक्ष रिसोर्सेज का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए और अंतरिक्ष-आधारित गतिविधियों को कैसे बढ़ाया जाए। यह एजूकेशनल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स सहित प्राइवेट फर्मों की जरूरतों और मांगों का भी आकलन करता है,
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 और इसरो के कंसल्टेशन से उन्हें उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान करता है।गौरतलब है कि हाल ही में चेन्नई की अंतरिक्ष स्टार्टअप कंपनी अग्निकुल कॉस्मॉस ने ऐलान किया है कि वह जल्द ही भारत के पहले प्राइवेट लॉन्च पैड से सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। प्रक्षेपण यान ‘अग्निबाण’ इस वित्त वर्ष के दौरान ही श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। ‘अग्निबाण’ दो चरण वाला प्रक्षेपण यान है। यह 100 किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा तक करीब 700 किलोमीटर तक ले जाने की क्षमता रखता है। अग्निकुल द्वारा प्रक्षेपित होने वाले यान की दूसरी बड़ी खासियत यह रहेगी कि यह दुनिया का पहला सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड इंजन रहेगा, जो पूरी से भारत में ही तैयार किया गया है। 
भारत में Space Sector के 189 स्टार्ट अप डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड,  केंद्रीय मंत्री ने गिनाई सरकार की पहल

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