बुरहानपुर । विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को मिली अपार सफलता से उसके हौसले बुलंद है और अब वह लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कमर कस कर मैदान में है। इसी कडी में 11 फरवरी को प्रधानमंत्री का मध्यप्रदेश दौरे आदिवासी अंचल झाबुआ में रैली से प्रदेश में चुनाव का बिगुल बजाने जा रहे है, वहीं भाजपा की प्रदेश ईकाइ गांव चलो अभियान के तहत मतदाताओं को एक सूत्र में बांधने की तैयारी में है, इस कार्यक्रम के तहत भी भाजपा मतदाताओं से जीवित सम्र्पक बनाऐ रखने की तैयारी में है ताकि लोकसभा चुनाव में भी उसे विधानसभा जैसी जीत हासिल हो,
लेकिन कांग्रेस है कि अब तक लोकसभा की तैयारी को लेकर मैदान में दिखाई नही दे रही है वह अब भी तुकडों में बटकर फूट का परिचय दे रही है, कांग्रेस की और उस के बडे नेताओं की कोई बडी योजना सामने नही है जिस से छोटा कार्यकर्ता मुंह तकता दिखाई दे रहा है, इसी बीच कांग्रेस के कुच्छ बडे नेताओं के पार्टी छोड भाजपा में जाने की अटकलों का बाजार गर्म होने से कांग्रेस की खस्ताहाली का ही नजारा दिखाई दे रहा है,
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अब भी ख्याली पुलाव पकाकर प्रदेश में जीत दर्ज करने की बात कह रही है, कांग्रेस का अल्पसंख्यक पारम्परिक मतदाता से लेकर अन्य पिछडों आदिवासीयों तक पर उसकी नजर नही है भला ऐसे में फिर किस प्रकार कांग्रेस लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने का दावा कर रही है, कांग्रेस की राजनैतिक सूझबूूझ आम आदमी की समझ से बाहर नजर आ रही है।
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