- भारत और भूटान की साझेदारी जल-जमीन तक सीमित नहीं

थिम्पू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान भूटान के टेंड्रेलथांग फेस्टिवल ग्राउंड में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-भूटान साझेदारी जमीन और पानी तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने कहा, भूटान अब अपने अंतरिक्ष अभियानों में भारत का भागीदार है। भूटान के वैज्ञानिकों ने इसरो के सहयोग से उपग्रह लॉन्च किए हैं। उन्होंने कहा कि हम दूसरे की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आने वाले पांच साल भारत-भूटान संबंधों में नई ऊर्जा लाएंगे। मोदी ने कहा आपके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत बीबी-ब्रांड भूटान और भूटान बिलीव के लिए आपके साथ खड़ा है। हम कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्रों में रास्ते बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और भूटान के युवाओं की आकांक्षाएं और लक्ष्य एक हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है, जबकि भूटान ने 2034 तक उच्च आय वाला देश बनने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज की उपलब्धियों को आगे बढ़ाने के लिए हमने 25 साल के अमृतकाल का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। भूटान हमारी इस यात्रा में एक मजबूत भागीदार बनेगा। पीएम मोदी को भूटान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से भी सम्मानित भी किया गया है, जिससे वह भूटान का यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले पहले विदेशी नेता बन गए। मोदी को यह पुरस्कार भारत-भूटान संबंधों के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान और भूटानी राष्ट्र और लोगों के लिए उनकी विशिष्ट सेवा के लिए दिया गया है। श्री मोदी ने पुरस्कार के लिए भूटान के प्रधानमंत्री का आभार माना और कहा, आज एक भारतीय के रूप में मेरे जीवन का बहुत बड़ा दिन है। यह सम्मान मेरी उपलब्धि नहीं है, यह भारत और 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है।

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