- नक्सलियों की बौखलाहट, घर में घुसकर दंडवन के युवा भाजपा नेता को मार डाला

जगदलपुर बस्तर संभाग में नक्सलियों ने फिर एक भाजपा नेता की हत्या कर दी। नक्सलियों द्वारा छोड़े गए पर्चे में एक बात तो अब साफ हो गई है कि नक्सली भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की टार्गेट किलिंग कर रहे हैं। इस घटना को कांकेर जिले में सुरक्षा बलों के हाथों 29 नक्सलियों के मारे जाने के प्रतिशोध और बौखलाहट के रूप में भी देखा जा रहा है। पर्चे में विपक्षी राजनीतिक दल की तरह भाषा का प्रयोग किया गया है। ताजा मामला बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में स्थित दंडवन गांव का है, जहां भाजपा के शक्ति केंद्र संयोजक पंचम दास मनुकपुरी की हत्या की गई है। दंडवन ग्राम में 16 अप्रैल मंगलवार की रात लगभग 11 बजे भाजपा कार्यकर्ता और उप सरपंच पंचम दास मानिकपुरी उर्फ गोलू के घर का दरवाजा तोड़कर घुसे नक्सलियों ने धारदार हथियार से पंचम दास मानिकपुरी की हत्या कर दी। पंचम दास भाजपा के शक्ति केंद्र का सह संयोजक भी था। घटना की पुष्टि एडिशनल एसपी रॉबिंसन गुड़िया ने की है। हत्या की इस वारदात से गांव में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। पुलिस द्वारा इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है। वारदात स्थल पर पर्चा भी मिला है। पर्चे के मुताबिक वारदात को भाकपा (माओवादी) की पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी ने अंजाम दिया है। इसमें लिखा है कि दंडवन का भाजपा नेता पंचम दास जन विरोधी, भ्रष्टाचार और पुलिस मुखबिर एवं गोपनीय सैनिक का काम करता था। उसे कई बार चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन नहीं सुधरने के कारण जनता के निर्णय के अनुसार हमारी पीएलजीए ने मौत की सजा दी है। इसके साथ ही पर्चे में तीन और बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, जिसमें एक बिंदु से जाहिर होता है कि देश के कुछ विपक्षी दलों के नेताओं की तरह नक्सली भी भाजपा और आरएसएस से घोर नफरत करते हैं। शायद इसीलिए वे लगातार भाजपा नेताओं को निशाना बनाते आ रहे हैं। इससे पहले नारायणपुर जिले में ही दो और भाजपा नेताओं को नक्सली मौत के घाट उतार चुके हैं। इसके अलावा बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में भी दो बड़े भाजपा नेताओं की भी हत्या नक्सली कर चुके हैं। नक्सली संगठन द्वारा दंडवन गांव में छोड़े गए पर्चे से जाहिर होता है कि नक्सली भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से बहुत ही ज्यादा नफरत करते हैं। तभी तो पर्चे में साफ तौर पर कहा गया है कि ‘भाजपा और आरएसएस को मार भगाओ।’ उल्लेखनीय है कि हमारे देश के कुछ राजनैतिक दलों के नेता भी भाजपा और आरएसएस से हद दर्जे की नफरत करते हैं। ये नेता अपने बयानों के जरिए आए दिन आरएसएस और भाजपा के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं। विपक्षी नेताओं को सबसे ज्यादा तकलीफ आरएसएस से होती है। जबकि यह विशाल संगठन न तो देश विरोधी काम करता है और न ही कभी देश को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में नक्सलियों के विचारों से नेताओं के विचार का मेल खाना आश्चर्य का विषय है। इसके साथ ही नक्सली पर्चे में कॉर्पोरेटीकरण, सैनिकीकरण के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान करते हुए लिखा है कि कगार ऑपरेशन को हराएंगे। भाजपा नेता पंचम दास मानिकपुरी की हत्या को नक्सलियों की बौखलाहट और प्रतिशोध के तौर पर भी देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को ही बस्तर संभाग के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में 29 नक्सलियों के मारे जाने की बात सामने आई है और सभी शव बरामद भी कर लिए गए हैं। वहीं पुलिस ने मारे गए सभी नक्सलियों की तस्वीरें भी मीडिया से साझा की हैं। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में नक्सली मारे गए हैं। ऐसे में नक्सलियों का बौखलाना स्वभाविक है। इस बौखलाहट की झलक उन्होंने पंचम दास मानिकपुरी की हत्या करके दिखा दी है। एक दिन बाद बस्तर लोकसभा सीट के लिए मतदान होना है। आशंका है कि इस दौरान भी नक्सली अप्रिय हरकत कर सकते हैं।

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