नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने नागा साधुओं के बारे में अहम टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि नागा साधु सांसारिक दुनिया और मोह माया से दूर रहते हैं। नागा साधुओं का पूरा जीवन बैरागी की तरह पूरा होता है। उनके नाम पर किसी संपत्ति की मांग करना, सनातन और हिंदू मान्यताओं के अनुसार सही नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा ने कहा, नागा साधु महादेव के भक्त होते हैं। वह बैरागी का जीवन जीते हैं। हाईकोर्ट के जज ने कहा,जितना मैं जानता हूं उसके अनुसार नागा साधु केवल शिव के भक्त होते हैं। अन्य किसी से उनका जुड़ाव नहीं होता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं और प्रथाओं के अनुसार संपत्ति पर उनका हक मांगना गलत है।