- Indore News: केन्द्र को अपनी गलती सुधारने में पांच दशक का समय लग गया - हाइकोर्ट

Indore News: केन्द्र को अपनी गलती सुधारने में पांच दशक का समय लग गया - हाइकोर्ट

Indore News:  हाइकोर्ट में केंद्र सरकार के सेवानिवृत अधिकारी पुरुषोत्तम गुप्ता द्वारा आरएसएस की शाखा में शामिल होने के मुद्दे पर साल 2023 में लगाई गई याचिका पर मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि केंद्र सरकार को अपनी गलती का एहसास होने और यह स्वीकार करने में कि उसने आरएसएस जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध संगठन को गलत तरीके से प्रतिबंधित संगठनों की सूची में रखा था, पांच दशक का समय लग गया। बता दें कि आरएसएस के कार्यक्रमों में केंद्रीय कर्मचारियों के शामिल होने पर लगभग 1966 से लगे प्रतिबंध को केंद्र सरकार ने अपने 09 जुलाई के आदेश से वापस लिया।

जिसके परिप्रेक्ष्य में कोर्ट ने यह टिप्पणी केंद्र सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका का निराकरण करते हुए कही। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के अधिकारियों को लगभग 58 वर्षो से संघ की गतिविधियों को राजनैतिक गतिविधि मान कर उनमें भाग लेने पर पाबंदी थी व संघ के किसी भी कार्यक्रमों में भाग लेने से उन कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित थी । इस विषय को लेकर अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की याचना करते हुए याचिकाकर्ता पुरषोत्तम गुप्ता ने अपने वकील मनीष नायर के माध्यम से इंदौर उच्च न्यायालय मे एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आरएसएस में सक्रिय सदस्य के रूप में शामिल होना चाहते हैं लेकिन इसे प्रतिबंधात्मक संगठन में रखा गया है।

याचिका पर सुनवाई के समय केंद्र सरकार ने हलफनामे के साथ पूर्व में 1966, 1975 और 1980 में पारित आदेशों से आरएसएस का नाम हटाने का लिया गया निर्णय हाई कोर्ट में पेश किया। प्रकरण पर केंद्र सरकार की और से सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ इंदौर उच्च न्यायालय के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल हिमांशु जोशी  ने पक्ष रखा । मामले से जुड़े सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को कोर्ट ने ऑर्डर जारी करते कहा केंद्र सरकार को अपनी गलती का एहसास होने और यह स्वीकार करने में कि उसने आरएसएस जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध संगठन को गलत तरीके से प्रतिबंधित संगठनों की सूची में रखा था, पांच दशक का समय लग गया।

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