Madhya Pradesh News: पानी में पनप रहे बैक्टीरिया के बारे में बात करते हुए सीएमएचओ ने कहा, ये सीवरेज के पानी में रहने वाले या बारिश के पानी में बहने वाले बैक्टीरिया हैं, जिनकी वजह से पूरा पानी खराब हो जाता है।
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पलसूद और निवाली ब्लॉक का पानी पीने लायक नहीं पाया गया है। आपको बता दें कि जिले के छात्रावास की बड़ी संख्या में लड़कियों की अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे इलाके में अलग-अलग जगहों से पेयजल के सैंपल एकत्र कर जांच के लिए इंदौर स्थित लैब में भेजे, जिसके बाद लैब से आई रिपोर्ट में पेयजल में गंदे सीवरेज के पानी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की मौजूदगी का खुलासा हुआ।
वहीं, डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसे बैक्टीरिया समय पर उपचार न किए जाने पर जानलेवा भी साबित हो सकते हैं, जिसके लिए पीने के पानी में क्लोरीन की गोली डालकर अगले दिन इस्तेमाल करें या पानी को उबालकर ठंडा करके पीने के लिए इस्तेमाल करें।
इस बीच इस पूरे मामले को लेकर बड़वानी जिले की सीएमएचओ सुरेखा जामरे ने बताया कि निवाली और पलसूद क्षेत्र में पीने के पानी के कुछ सैंपल लिए गए थे, जिसमें एक कुएं के पानी का सैंपल, एक पानी की टंकी का सैंपल, एक आरओ के पानी का सैंपल और एक मरीज के घर से पानी का सैंपल शामिल था. इस तरह कई अलग-अलग जगहों से पानी के सैंपल लिए गए, जिन्हें जांच के लिए इंदौर लैब भेजा गया और वहां से जो रिपोर्ट आई है, उसमें बताया गया है कि यह पानी पीने योग्य नहीं है. इस पानी में उल्टी-दस्त के बैक्टीरिया पाए गए हैं.
इसके साथ ही उन्होंने आम जनता से भी सावधानी बरतने की अपील की है कि वे जो भी पानी पी रहे हैं, उसमें ब्लीचिंग पाउडर या क्लोरीन की गोली डालकर अगले दिन इस्तेमाल करें. और पानी को उबालकर ठंडा करके इस्तेमाल करें. नदी और कुएं का पानी सीधे न पिएं. और उन्होंने इस संबंध में विभागीय दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यहां उल्टी-दस्त के 11 मरीज भर्ती हैं और पलसूद में सामान्य उल्टी-दस्त के आठ मरीज भर्ती हैं. इनमें से एक गंभीर मरीज को आठ से 10 बार मल्टीपल डायरिया हो चुका है, उसे रेफर किया गया है। हालांकि अब वह भी ठीक है और निवाली में स्थिति सामान्य है।
पानी में पनपने वाले इस बैक्टीरिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह वह बैक्टीरिया है जो सीवरेज के पानी में रहता है या बारिश के पानी में बहता है। इसलिए इससे पूरा पानी खराब हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी आम आदमी को ऐसी किसी बात की जानकारी मिलती है तो इसकी जानकारी तुरंत जिले के स्वास्थ्य अमले को दी जाए, ताकि हम इस संबंध में प्रभावी कार्रवाई कर सकें।