Madhya Pradesh News: आवासीय क्षेत्रों में संचालित हो रही डेयरियां: तबेले से बाहर निकल रहे मवेशियों ने बढ़ाई परेशानी दमोह। शहर में संचालित हो रही अवैध डेयरियों के कारण वार्डों में तबेले बन गए हैं और वार्डों की सभी छोटी-बड़ी सड़कें पालतू मवेशियों के आरामगाह बन गए हैं।
दरअसल, दूध दुहने के बाद डेयरी संचालक मवेशियों को खुला छोड़ रहे हैं। मवेशी पूरे शहर में उत्पात मचा रहे हैं। ऐसे में डेयरियों के मवेशी लोगों के लिए आफत से कम नहीं हैं। मवेशियों के कारण लोग काफी परेशान हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नगर निगम प्रशासन डेयरी विस्थापन के मामले में उदासीन बना हुआ है। स्थिति यह है कि वर्षों से डेयरी विस्थापन की प्रक्रिया सिर्फ कागजों पर ही चल रही है।
कभी सर्वे होते हैं तो कभी प्रस्ताव बनते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होने पर डेयरियों को विस्थापित कर दिया जाता है। यही वजह है कि एक समय शहर में डेयरियों की संख्या 50 से 60 हुआ करती थी, लेकिन विस्थापन न होने और डेयरी संचालकों की मनमानी पर अंकुश न लगने से शहर में अवैध डेयरियों ने तेजी से अपना विस्तार किया। वर्तमान में शहर में दोगुनी संख्या यानी सौ से अधिक दूध डेयरियां संचालित हो रही हैं।
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दूसरी ओर लोग न सिर्फ डेयरियों से छुट्टा घूमते मवेशियों से परेशान हैं, बल्कि डेयरियों से निकलने वाले मवेशियों के मलमूत्र और अन्य गंदगी से भी समस्या बढ़ती जा रही है। एक साल पहले नगर निगम प्रशासन ने डेयरी विस्थापन को लेकर शहर में सर्वे कराया था। सर्वे में सामने आया था कि शहर के भीतर सौ से अधिक डेयरियां संचालित हो रही हैं। इन डेयरियों में मवेशियों की संख्या एक हजार से अधिक बताई गई थी। यानी हर डेयरी में औसतन 10 से 20 मवेशी मिले हैं। इन इलाकों में मवेशियों का सबसे ज्यादा उपद्रव: वैसे तो पूरे शहर में पालतू मवेशियों का उपद्रव है, लेकिन इनमें मुख्य रूप से फुटेरा तालाब मार्ग, बेलाताल मार्ग, तीन गुल्ली, स्टेशन चौराहा, पुराना थाना, इंदिरा कॉलोनी, महाराणा प्रताप स्कूल मार्ग, जबलपुर नाका रोड, किल्लाई चौराहा मार्ग शामिल हैं।दरअसल, ये वो इलाके हैं, जहां से मवेशियों के तालाबों में जाने के मुख्य रास्ते हैं। ऐसे में इन इलाकों में पालतू मवेशियों का उपद्रव भी चरम पर है।
जहां एक ओर वार्डों में डेयरियों से गंदगी है, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर मवेशी उत्पात मचा रहे हैं। इसे लेकर लोग काफी परेशान हैं। वहीं, लोगों में इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि सालों बाद भी प्रशासन डेयरी को विस्थापित नहीं करवा पाया है।
अमन ठाकुर, मनमोहन विश्वकर्मा, अमित सिंह, रमन पाठक सहित अन्य ने बताया कि हम वर्षों से सुनते आ रहे हैं कि डेयरियों को जल्द ही विस्थापित किया जाएगा, लेकिन अब तक विस्थापन नहीं हुआ है। डेयरियों के विस्थापन को लेकर नगर पालिका प्रशासन की कार्रवाई पर हमें संदेह है।
और नगर में संचालित डेयरियों को हटाने की प्रक्रिया अभी लंबित है। यहां घूमने वाले मवेशियों को भी हटाया जाएगा।
रितु पुरोहित, सीएमओ नगर पालिका दमोह