बिजनौर में एक कॉरपोरेट ऑफिस में काम करने वाले लड़के ने कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदल दिया. दरअसल, कोरोना से पहले 65 हजार रुपये महीने की नौकरी करने वाले बिजनौर के ऋतुराज सिंह ने कोविड के समय में खेती करने का फैसला किया और आज वो सालाना अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
कोरोना काल में लगा लॉकडाउन तो सभी को याद होगा. कोविड का समय किसी के लिए भी आपदा से कम नहीं था, वहीं कुछ लोगों ने आपदा को अवसर में बदल दिया. ऐसी ही एक कहानी बिजनौर के ऋतुराज सिंह की है. जिन्होंने कोरोना काल में घर पर रहकर खेती करने का फैसला किया. आज वो घर बैठे सालाना 10 लाख तक की कमाई कर रहे हैं. आइए जानते हैं बिजनौर के उस लड़के की सफलता की कहानी.
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बिजनौर के ऋतुराज से खास बातचीत की. जब रिपोर्टर ने पूछा कि कॉरपोरेट जॉब करने वाला 65000 रुपये महीना कमाने वाला लड़का कोरोना काल में अपने गांव क्यों रुका? इस सवाल का जवाब देते हुए ऋतुराज ने बताया कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा तो बड़े शहरों में चारों तरफ डर का माहौल था, लेकिन जब मैं अपने गांव (उमरी) पहुंचा तो मुझे एक अलग तरह की शांति का एहसास हुआ. हरियाली, पक्षियों की आवाज और गांव की शांति का आनंद लेते हुए 3 महीने कब बीत गए, पता ही नहीं चला. फिर एक दिन पूरा परिवार एक साथ बैठा था. तब पापा ने कहा कि मैं अपने गांव में ड्रैगन फ्रूट की खेती करना चाहता हूं, इसी वक्त मैंने तय किया कि मुझे खेती में ही अपना भविष्य और जीवन तलाशना है और जैविक खेती करके कृषि के क्षेत्र में क्रांति लानी है.
सबसे पहले ऋतुराज ने साल 2020 में सिर्फ तीन बीघा जमीन से ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. ऋतुराज से पूछा कि जब आपने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की तो तीन बीघा जमीन की लागत कितनी थी? इस पर ऋतुराज ने बताया कि तीन बीघा खेत में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए कम से कम 5 से 6 लाख रुपये का निवेश करना पड़ता है. इसमें सबसे ज्यादा खर्च सीमेंट के खंभों पर आता है क्योंकि ड्रैगन फ्रूट बेल की तरह हिलता है इसलिए खेत में सीमेंट के खंभे लगाने पड़ते हैं. अब साल 2024 में ऋतुराज सिंह 3 बीघा जमीन से बढ़ाकर 6 बीघा जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं.
जब ऋतुराज से उनकी कमाई के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि जब हमने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की तो सितंबर 2020 में ड्रैगन फ्रूट की रोपाई हुई और जून 2021 में हमारे खेत की फसल तैयार हुई. साल 2021 में तीन बीघा में सिर्फ 4 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट उगा. जिसका प्रति किलो रेट 200 रुपये है. 2021 में उन्हें मात्र ₹80000 का मुनाफा हुआ. 2022 में ड्रैगन फ्रूट की फसल दोगुनी यानी तीन बीघा में 8 क्विंटल हुई, 220 प्रति किलो की दर से 1,76,000 का शुद्ध मुनाफा ऋतुराज को हुआ.
साल 2023 में चार बीघा जमीन में 15 से 20 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट की फसल पैदा हुई, जिसमें ऋतुराज को 4.5 से 5 लाख का मुनाफा हुआ. वहीं 2024 में ऋतुराज ने 40 से 45 क्विंटल की फसल उगाई, जिसमें उन्हें करीब 10 लाख रुपये की कमाई हुई. ऋतुराज ने यह भी बताया कि अगर आप ड्रैगन फ्रूट की खेती करना चाहते हैं तो आपको मुनाफा कमाने के लिए कुछ साल इंतजार करना होगा.
जब ऋतुराज से पूछा कि आप अपनी खेती के लिए किस सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं? तो इस पर ऋतुराज ने बताया कि हम अपने खेत में ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर और रेन गन का इस्तेमाल करते हैं. ऋतुराज ने यह भी बताया कि ड्रिप इरिगेशन से पानी की काफी बचत होती है और ड्रिप इरिगेशन की वजह से पेड़ में उतना ही पानी जमा होता है, जितनी उसे जरूरत होती है, जिससे नमी बनी रहती है.
ऋतुराज ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की बुवाई के लिए फरवरी से अक्टूबर तक का महीना सबसे अच्छा होता है. इसकी खेती के लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान अनुकूल माना जाता है.
बातचीत में ऋतुराज ने बताया कि हमने अपना एक लोकल मार्केट बनाया है. पूरी फसल लोकल मार्केट में बिकती है और बची हुई उपज गुड़गांव के किसी खरीदार को बेच दी जाती है.