- MP News: जिला अस्पताल में डेढ़ दिन के बच्चे की मौत, परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

MP News: जिला अस्पताल में डेढ़ दिन के बच्चे की मौत, परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

MP News: बच्चे की मौत के बाद गुस्साए बच्चे के पिता अजय और परिजन डॉक्टर से मौत का कारण जानने की मांग पर अड़े रहे। वे देर रात तक एसएनसीयू के बाहर बैठे रहे, जिसके बाद पुलिस और नायब तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर को बुलाया गया।

मध्य प्रदेश के खरगोन जिला अस्पताल में बुधवार देर रात से शुरू हुआ हंगामा गुरुवार तड़के तक जारी रहा। दरअसल, अस्पताल के एसएनसीयू में डेढ़ दिन के बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल के अंदर ही हंगामा कर दिया। तड़के तक जारी इस हंगामे को रोकने के लिए नायब तहसीलदार ने पुलिस के साथ मिलकर परिजनों को समझाया। जहां परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई।

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 आपको बता दें कि देर रात परिजन ड्यूटी डॉक्टर प्रीति साठे से बात करने के लिए मृत बच्चे के शव के साथ एसएनसीयू के बाहर धरने पर बैठ गए। लेकिन इस दौरान जब डॉक्टरों ने परिजनों से बात नहीं की तो परिजनों ने रास्ता जाम कर दिया और अस्पताल के सामने सड़क पर जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि देर रात तक जारी रहे हंगामे के बाद पुलिस की समझाइश से मामले में केस दर्ज हुआ और ड्यूटी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन शांत हुआ। बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।

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इधर, मृतक बच्चे की दादी खलघाट निवासी गायत्री पत्नी महेश ने बताया कि उसकी बहू मनीषा पत्नी अजय महिला वार्ड क्रमांक 30 में भर्ती थी। जहां मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे उसने ऑपरेशन से एक लड़के को जन्म दिया, जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को हमें सौंप दिया। लेकिन वार्ड के डॉक्टरों ने बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती करने के लिए भेज दिया। जबकि वहां के डॉक्टरों ने मना कर दिया, जिसके बाद बुधवार रात को बच्चे की तबीयत खराब होने पर जब हम रात 8 बजे बच्चे को दोबारा एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराने गए तो ड्यूटी डॉक्टर ने हमें डेढ़ घंटे तक बाहर बैठाए रखा। हमारे बार-बार कहने के बावजूद भी बच्चे की जांच नहीं की गई और जब डेढ़ घंटे बाद देखा तो कहने लगे कि आप मरा हुआ बच्चा लेकर आए हैं और हमें वार्ड से बाहर निकाल दिया।

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अगर समय रहते डॉक्टर बच्चे का इलाज कर देते तो शायद बच्चे की जान बच सकती थी। डॉक्टर ने प्रदर्शन कर रहे परिजनों से बात नहीं की। आपको बता दें कि बच्चे की मौत के बाद गुस्साए बच्चे के पिता अजय और परिजन डॉक्टर से मौत का कारण जानने की मांग पर अड़े थे, जिसके चलते वे देर रात तक एसएनसीयू के बाहर बैठे रहे। इसके बाद पुलिस और नायब तहसीलदार महेंद्र सिंह के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर को बुलाया गया और परिजनों से बात करने का प्रयास किया गया। हालांकि गुस्साए परिजनों समेत कहार समाज के लोगों की भीड़ को देखकर डॉक्टर बिना बात किए ही वार्ड में लौट गए, जिससे परिजन और ज्यादा गुस्सा गए और सड़क बंद कर जिला अस्पताल के सामने सड़क पर पहुंच गए। इसके बाद पुलिस की समझाइश के बाद उन्हें कानूनी कार्रवाई करने के लिए राजी किया गया। ऑपरेशन के बाद हुआ था पहला बच्चा

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 प्रदर्शनकारी बच्चे के पिता अजय ने बताया कि यह उनका पहला बच्चा था। जिसका जन्म ऑपरेशन से हुआ था। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई। वहीं हमारे आक्रोश के बाद डॉक्टरों ने वार्ड के कैमरे भी बंद कर दिए, जिस पर सिविल सर्जन ने फुटेज उपलब्ध कराने और उसे डिलीट न करने की जिम्मेदारी भी ली है। हमने इसका वीडियो भी बनाया है। हमारी मांग है कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उसे उसके पद से हटाया जाए। उधर, घटना के बाद अस्पताल में सुरक्षा को लेकर बैठक हो रही है। उधर, सिविल सर्जन अमर सिंह चौहान ने कहा है कि इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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