- Indore News: देवी अहिल्या ने देश की प्रमुख नदियों पर घाटों पर स्नान की सुविधा के लिए 30 से अधिक तीर्थों का निर्माण किया, दस नदियों पर घाटों का निर्माण भी किया।

Indore News: देवी अहिल्या ने देश की प्रमुख नदियों पर घाटों पर स्नान की सुविधा के लिए 30 से अधिक तीर्थों का निर्माण किया, दस नदियों पर घाटों का निर्माण भी किया।

Indore News:  उन्होंने वाराणसी के प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट का भी निर्माण किया। इसके अलावा हरिद्वार में भी एक घाट का निर्माण हुआ। प्रशासन ने कोर्ट में इस विवाद की बात को खारिज कर दिया है। देवी अहिल्या का 229वां रविवार व्रत मनाया जा रहा है।

अहिल्या बाई होलकर ने 1767 से 1795 तक मालवा पर शासन किया। भले ही वह एक छोटी सी राज्य की रानी थीं, लेकिन उन्होंने सांस्कृतिक विकास में अपनी अलग पहचान बनाई। देवी अहिल्या ने ब्रह्मांड में 30 से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार और दस प्रमुख नदियों पर घाटों का निर्माण कराया। उनके दस्तावेज़ में कई घाट आज भी नदियों पर बने हुए हैं। जन कल्याण और परोपकारी कार्यों ने उन्हें देश में एक अलग पहचान दी। महाराष्ट्र के बारात में जन्मी देवी अहिल्या न्याय प्रिय थीं और उनकी शक्ति को शिव की शक्ति कहा गया था। वे हमेशा अपने साथ शिव मंदिर लिखते हैं। देवी अहिल्या ने अयोध्या में राम मंदिर का जीर्णोद्धार किया। 22 जनवरी को जब राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अहिल्या का ज़िक्र किया।

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उन्होंने संगीत में चिंतामणि गणेश मंदिर की स्थापना की। इसके अलावा उन्होंने महाकाल मंदिर का भी जीर्णोद्धार स्मारक बनाया। उन्होंने ओंकारेश्वर, नासिक, संगमनेर, पंढरपुर, गिरिडीह, कुंभकार, तीर्थपुरोहित, भुसावल, प्रयाग, जेजुरी, मिरी और मथुरा में नए मंदिर निर्माणकर्ताओं और प्राचीन तीर्थों का जीर्णोद्धार सागर में प्रवेश किया। देवी अहिल्या ने व्रत का भी रखा ध्यान। इनकी सुविधा के लिए उन्होंने बद्रीनाथ, मथुरा, हरिद्वार, मंदिर, रामबाण, अमरकंटक, सप्तश्रृंगी माता, जूना, नासिक, अयोध्या में धर्मस्थल बनवाएं। देवी अहिल्या ने देश की प्रमुख नदियों मणिकर्णिका घाट पर स्नान की सुविधा के लिए घाट भी बनवाया।

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उन्होंने वाराणसी के प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट की भी यात्रा की। इसके अलावा हरिद्वार में भी एक घाट था। प्रशासन ने कोर्ट में होटल का खुलासा किया है। उन्होंने अयोध्या में सरयू घाट का भी दौरा किया। इसके अलावा मथुरा में कालिया देह घाट, नासिक में रामघाट, प्रयाग, मंडलेश्वर और महेश्वर के घाट और ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी पर घाटों का निर्माण उनके शासनकाल में हुआ। देवी अहिल्या ने रामतारवर तक सड़क भी बनवाई, जिसे अब ट्रंक रोड के नाम से जाना जाता है।

 रविवार को दोपहर 3:30 बजे देवी अहिल्या की याद में पालकी निकलेगी। गांधी हॉल से राजवे तक जाने वाली पालकी में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे। इससे पहले गांधी हॉल में समारोह का आयोजन किया जाएगा। मेधावी छात्र-छात्रों को सम्मानित किया गया। समारोह के अतिथि शिवगंगा ए.

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