- VIRUS News: मंकीपॉक्स का पहला मरीज स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी नहीं है, लेकिन इसके चलते हरियाणा के हिसार में निगरानी बढ़ा दी गई है।

VIRUS News: मंकीपॉक्स का पहला मरीज स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी नहीं है, लेकिन इसके चलते हरियाणा के हिसार में निगरानी बढ़ा दी गई है।

VIRUS News:  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जिस युवक में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है, उसे निगरानी में रखा गया है। मंकीपॉक्स के लिए गठित नोडल एजेंसी के डॉ. आरएन कुमार का कहना है कि जो मरीज पॉजिटिव पाया गया है, वह गंभीर स्ट्रेन का नहीं है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम देश में मिले पहले मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आए तीन दर्जन से ज्यादा लोगों पर नजर रख रही है। फिलहाल सबसे ज्यादा निगरानी हरियाणा के हिसार में शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक देश में मंकीपॉक्स का पहला मरीज हरियाणा के हिसार का रहने वाला है। यही वजह है कि उसके संपर्क में आए इस युवा मरीज के परिजनों के अलावा उसके जानने वालों और परिचितों पर किसी भी तरह के लक्षण को लेकर नजर रखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली के सरकारी अस्पताल में भर्ती इस मरीज का इलाज शुरू हो गया है। वहीं, देश के अलग-अलग राज्यों में पहला मरीज मिलने के बाद अस्पतालों को और अधिक एहतियात बरतने के साथ ही अलर्ट मोड पर रखा गया है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जिस युवक में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है, उसे निगरानी में रखा गया है। मंकीपॉक्स के लिए गठित नोडल एजेंसी के डॉ. आरएन कुमार का कहना है कि जो मरीज पॉजिटिव पाया गया है, वह गंभीर स्ट्रेन का नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिस स्ट्रेन को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है, वह दिल्ली के अस्पताल में नहीं मिला है। अफ्रीकी देशों में पाए जाने वाले मंकीपॉक्स के क्लेड 1 स्ट्रेन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। हिसार के इस मरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, उसमें क्लेड 2 स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। फिलहाल मरीज को निगरानी में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

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जानकारी के मुताबिक, मंकीपॉक्स का मरीज हरियाणा के हिसार का रहने वाला है। चूंकि यह बीमारी सामाजिक मेलजोल से भी फैलती है, इसलिए इस मरीज के संपर्क में आए लोगों की निगरानी शुरू कर दी गई है। इसमें उसके परिजनों के अलावा दोस्तों और परिचितों पर भी नजर रखी जा रही है। फिलहाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नोडल एजेंसी ने तीन दर्जन से अधिक लोगों की निगरानी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक हरियाणा के हिसार में मरीज से मिलने वालों के लक्षणों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि मरीज का इलाज कर रही टीम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि मरीज की हालत स्थिर है।

फिलहाल मरीज में कोई गंभीर लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। इन लक्षणों के बावजूद मरीज का इलाज तय प्रोटोकॉल के मुताबिक किया जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के फिजीशियन डॉ. सीपी अग्रवाल का कहना है कि लोगों को इस बीमारी से घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि अस्पताल में भर्ती मरीज में अफ्रीकी देशों में फैले स्ट्रेन की पुष्टि नहीं हुई है। अभी सामने आया मंकीपॉक्स का स्ट्रेन भी 2022 में आया है। उनका कहना है कि क्लेड 2 स्ट्रेन अफ्रीका में फैले स्ट्रेन 1 जितना खतरनाक नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीकी देशों में सबसे ज्यादा मामले 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार इस बीमारी में मृत्यु दर तीन फीसदी तक है। जबकि भारत में पाए जाने वाले क्लेड 2 में मृत्यु दर सिर्फ .01 फीसदी है। इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन उनका कहना है कि लोगों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय गाइडलाइन के मुताबिक अलर्ट रहना चाहिए।

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अगर शरीर पर चकत्ते और बुखार समेत चिकन पॉक्स जैसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वहीं देश में पहला पॉजिटिव मरीज मिलने के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। मंगलवार को हुई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अहम बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सभी राज्यों को इस पूरे मामले में हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के अनुसार सभी राज्यों में किसी भी तरह का संदिग्ध मरीज मिलते ही उसकी पूरी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देनी होगी।

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इसके अलावा सभी राज्यों को अस्पतालों में स्क्रीनिंग के साथ ट्रैकिंग और ट्रेसिंग करने को कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के मुताबिक राज्यों के बड़े अस्पतालों के अंदर आइसोलेशन की सुविधा की जांच करने के निर्देश भी जिम्मेदार अधिकारियों को दिए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गठित टीम के डॉ. कुमार का कहना है कि संबंधित राज्यों के अधिकारियों के साथ मंगलवार को समीक्षा बैठक हुई। उसके बाद दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

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