दिल्ली उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 15 जनवरी, 2026 तक जवाब दाखिल करने को कहा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। यह नोटिस दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने एक पुलिस अधिकारी की पुरानी रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध किया था।
दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कमलनाथ दंगों के दौरान गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में हुई हिंसा के दौरान घटनास्थल पर मौजूद थे और यह पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। उन्होंने अदालत से तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त गौतम कौल द्वारा तत्कालीन पुलिस आयुक्त को सौंपी गई रिपोर्ट को भी शामिल करने का अनुरोध किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब माँगा
दिल्ली उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 15 जनवरी, 2026 तक जवाब दाखिल करने को कहा। मनजिंदर सिंह सिरसा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एस. फुल्का ने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड और कई समाचार पत्रों में कमलनाथ की उपस्थिति का स्पष्ट उल्लेख है, लेकिन सरकार की स्थिति रिपोर्ट में इन तथ्यों को शामिल नहीं किया गया है।
2022 में अदालत में दायर याचिका
दिल्ली उच्च न्यायालय में यह याचिका सिरसा द्वारा 2022 में दायर की गई मुख्य याचिका का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने कमलनाथ की कथित भूमिका की जाँच और उनकी गिरफ्तारी की माँग की थी। संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में पाँच लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन सभी आरोपियों पर कमलनाथ के आवास पर ठहरने का आरोप था। बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया। याचिका के अनुसार दंगों के दौरान गुरुद्वारे पर भीड़ ने हमला किया और दो सिखों की दर्दनाक मौत हो गई।