- INDIAN News: ग्रामीण भारत की यह तस्वीर सोमवार को जारी केंद्र सरकार की स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएम एमएस) 2022-23 की रिपोर्ट सामने आई है

INDIAN News: ग्रामीण भारत की यह तस्वीर सोमवार को जारी केंद्र सरकार की स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएम एमएस) 2022-23 की रिपोर्ट सामने आई है

INDIAN News:  जिसके मुताबिक यहां विशेषज्ञों की कमी पिछले 18 साल में तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई है। देश के ग्रामीण एशिया में परमाणु ऊर्जा की कमी बहुत तेजी से बढ़ रही है।

स्थिति यह है कि 82 प्रतिशत फिजीशियन, 83 प्रतिशत सर्जन और 80 प्रतिशत से अधिक बाल रोग विशेषज्ञ के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। इन पांच हजार से ज्यादा साहिल स्वास्थ्य पेशेवरों पर दवा विक्रेता फिजीशियन धर्मगुरुओं की संख्या एक हजार से भी कम है, लेकिन यहां साइबेरियाई धर्मगुरुओं की संख्या सात हजार से भी ज्यादा है। ग्रामीण भारत की यह तस्वीर सोमवार को जारी केंद्र सरकार की स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएम एमएस) 2022-23 की रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार पिछले 18 पूर्वी देशों में विशेषज्ञ विद्वानों की कमी से भी बहुत अधिक वृद्धि हुई है।

यह भी पढ़िए INDIAN News: भारतीय कंपनी पिक्सल को नासा का ठेका मिला, अंतरिक्ष एजेंसी को उपलब्ध कराएगी पृथ्वी अवलोकन डेटा

रिपोर्ट के अनुसार देश के ग्रामीण इलाकों में कुल 5,491 क्लिनिकल स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिनमें से सिर्फ 913 पर डॉक्टर, 1,442 पर प्रसूति रोग विशेषज्ञ, 992 पर फिजीशियन और 1,066 पर बाल रोग विशेषज्ञ विशेषज्ञ हैं, जबकि सरकार का दावा है कि यहां कुल 21,964 विशेषज्ञों की जरूरत है। इसके बावजूद राज्य ने अब तक 21,964 में से सिर्फ 13,232 दार्शनिकों की भर्ती को मंजूरी दे दी है और इसमें से भी सिर्फ 4,413 डॉक्टर ही भोला की सेवा कर रहे हैं।

PM ने मांफी क्यों मांगी- राहुल गांधी

कुल मिलाकर इन दस्तावेजों में 17 हजार से अधिक प्रमुख विशेषज्ञ विद्वानों की कमी है। इनमें प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और फिजीशियन शामिल हैं। जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जोखिम स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाहकार की कमी जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। दिल्ली एम्स के वरिष्ठ डॉ. प्रज्ञा का कहना है कि गर्भवती महिला के लिए प्रसूति रोग विशेषज्ञ का मार्गदर्शन आवश्यक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5,491 में से सिर्फ 1,442 आवेदन पर ही प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं।

दोस्तों आपके लिए एक जानकारी है अगर आप भी भारत के नागरिक हैं तो आपको हमारे Whatsapp Channel से जरूर जुड़ना चाहिए क्योंकि भारत की जितनी भी लेटेस्ट न्यूज़ , सरकारी नौकरी या कोई अन्य नौकरी या किसी भी प्रकार की सरकारी योजना है किसी भी प्रकार का अपडेट आपको Whatsapp Channel के माध्यम से आसान भाषा में दिया जाता है और वेबसाइट के माध्यम से भी दिया जाता है तो आप चाहें तो नीचे दिए गए लिंक के जरिए से जुड़ सकते हैं।

9,000 पर एक भी डॉक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 757 आश्रमों में करीब 6.64 लाख गांव हैं। यहां 1.65 लाख उप-स्वास्थ्य केंद्र, 25,354 चिकित्सक और 5,491 तकनीशियन हैं। अगर साल 2005 से तुलना करें तो 20,000 से ज्यादा नए उप-स्वास्थ्य केंद्र और 2,000 से ज्यादा बड़े पैमाने पर और इतने बड़े पैमाने पर की संख्या भारी है, लेकिन गंभीर तथ्य यह है कि 9,000 से ज्यादा पैमाने पर नए उप-स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं। यहां कुल 41,931 पर 32,901 डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी हैं। इसी तरह के ऑब्जेक्टिव और फिजियोथेरेपी पर 8,000 से अधिक लैब तकनीशियन, 7,000 से अधिक डॉक्टर, 1,719 रेडियोग्राफर और 22,000 से अधिक नर्सिंग स्टाफ के पद खाली पड़े हैं।

बढ़ते की बजाय घटे डॉक्टर रिपोर्ट के अनुसार, 2022 तक क्लिनिकल हेल्थ ऑफिस (सीसीबी) में क्रूज़ एक्सपर्ट्स की संख्या 4,485 थी जो 2023 में 4,413 रह गई, जबकि इसी अवधि में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीसीबी) स्तर के शिक्षकों की संख्या 30,640 से बर्षा 32,901 हो गया है। यह चित्र ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषज्ञ विशेषज्ञों की कमी का ग्राफ दर्शाता है जिसमें हर साल वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य केंद्रीय सचिव डॉ. पूर्व चंद्रा ने कहा कि वर्ष 1992 से सरकार हर साल ग्रामीण स्वास्थ्य पर यह गोदाम रिपोर्ट जारी कर रही है। ये दस्तावेज़ देश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए अभी भी काफी प्रयास किए गए हैं।

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag