- 'ये कश्मीर में चुनावी साजिश है...', इंजीनियर रशीद और जमात के गठबंधन पर भड़के फारूक-महबूबा मुफ्ती

'ये कश्मीर में चुनावी साजिश है...', इंजीनियर रशीद और जमात के गठबंधन पर भड़के फारूक-महबूबा मुफ्ती

अलग-अलग पार्टियों के नेता सांसद और आवामी इत्तेहाद पार्टी के उम्मीदवार इंजीनियर राशिद पर निशाना साध रहे हैं। महबूबा मुफ्ती से लेकर उमर और फारूक अब्दुल्ला तक, हर कोई कह रहा है कि इंजीनियर राशिद को बीजेपी ने प्लांट किया है।जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के प्रचार का आज आखिरी दिन है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 18 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और पहले चरण में डोडा, किश्तवाड़ और रामबन की 8 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है।

इस बीच, अलग-अलग पार्टियों के नेता मौजूदा सांसद और आवामी इत्तेहाद पार्टी के उम्मीदवार इंजीनियर राशिद पर निशाना साध रहे हैं। महबूबा मुफ्ती से लेकर उमर और फारूक अब्दुल्ला तक, हर कोई कह रहा है कि इंजीनियर राशिद को बीजेपी ने प्लांट किया है।

पूर्व सीएम ने कहा, कश्मीर में विचारधाराएं बदलती रहती हैं

सोमवार को जम्मू-कश्मीर के तीन बड़े नेताओं ने इंजीनियर राशिद पर निशाना साधा। सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर में विचारधाराएं स्थाई नहीं हैं। कश्मीर में नेताओं की विचारधाराएं बदलती रहती हैं।

विकास के मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए: आजाद

आजाद ने आगे कहा, 'यह दुखद है कि कश्मीर के राजनेता केवल गैर-मुद्दों पर बात कर रहे हैं। उन्हें विकास के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि यह साबित करना चाहिए कि भाजपा के कौन करीब है। दरअसल गुलाम नबी आजाद की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में इंजीनियर राशिद का समर्थन किया था।

हमने गठबंधन बनाने की कोशिश की: महबूबा मुफ्ती

इस बीच, जम्मू-कश्मीर में अवामी इत्तेहाद पार्टी और जमात-ए-इस्लामी के चुनाव पूर्व गठबंधन पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'पीएजीडी (पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन) जो बना था, मैंने कोशिश की थी कि हम साथ चलें, लेकिन दुर्भाग्य से यह पसंद नहीं आया। क्योंकि सत्ता की लालसा इतनी तीव्र है कि उन्हें लगता है कि अगर वे कुछ सीटें किसी और को दे देंगे, तो सत्ता उनके हाथ से निकल जाएगी। हमें साथ रहना चाहिए ताकि वोटों को बांटने के लिए दिल्ली ने बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार उतारे हैं, ऐसा न हो।'

रशीद की जमानत एक रणनीति है: फारूक

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने भी इंजीनियर रशीद के चुनाव लड़ने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि यह हमें लूटने, हमें बांटने और हमारी माताओं-बहनों की इज्जत बेचने की रणनीति है। फारूक अब्दुल्ला ने इंजीनियर रशीद को 20 दिन के लिए जेल से रिहा करने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय रशीद को 20 दिन के लिए रिहा करना दिखाता है कि यह किस रणनीति का हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 को लेकर फारूक ने कहा कि हम अनुच्छेद हटाए जाने के खिलाफ एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और तब तक जाते रहेंगे जब तक फैसला हमारे पक्ष में नहीं आ जाता।

जमानत पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

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आपको बता दें कि मौजूदा लोकसभा सांसद इंजीनियर रशीद ने जेल से ही चुनाव लड़ा था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने गुपचुप तरीके से सांसद के तौर पर शपथ ली थी। इसके बाद से वह जेल में थे। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में चुनाव के दौरान उन्हें 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है। जमानत मिलने की टाइमिंग पर कश्मीर की पुरानी स्थानीय पार्टियों की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। राशिद की पार्टी के उम्मीदवार कश्मीर की कई सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।

जमात और राशिद के बीच गठबंधन

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है। लेकिन, बारामुल्ला के सांसद इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी ने जमात के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। यह गठबंधन हाल ही में पहले चरण के चुनाव से दो दिन पहले हुआ है। यह गठबंधन इंजीनियर राशिद और 8 सदस्यीय जमात पैनल के प्रमुख गुलाम कादिर वानी के बीच हुई बैठक के दौरान हुआ। जमात के मुख्य चुनाव प्रभारी शमीम अहमद थोककर ने पुष्टि की कि दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया है।

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