मध्य प्रदेश के मंडला की बिछिया तहसील के राटा गांव के प्रेमलाल सिंह मरावी शाम करीब 7 बजे धान की फसल देखने जा रहे थे। अजगर को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया। दूसरे दिन भी भुआबिचिया कस्बे के पास खेतों में बाघ की तलाश जारी रही। रविवार देर रात बाघ ने एक बैल पर हमला कर उसे मामूली रूप से घायल कर दिया।
मंडला (मंडला समाचार)। रात के अंधेरे में अजगर ने एक वृद्ध पर हमला कर उसकी गर्दन को कस कर जकड़ लिया। जिससे उसका सांस लेना दूभर हो गया। वृद्ध को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। भुआबिचिया कस्बे के लोग डर के कारण अपने घरों से नहीं निकल पा रहे हैं।
जिस तरफ बाघ के घूमने की सूचना है, उस तरफ सड़क से वन अमला नजर रख रहा है, और धान के खेतों के अंदर नहीं जा पा रहा है। अजगर ने धीरे-धीरे उसकी गर्दन को कस कर जकड़ लिया। रास्ते में खेत की मेड़ पर घास में छिपे बैठे अजगर ने उसके पैर में लिपटा लिया। जिससे वह घबरा गया और वहीं गिर गया।
इसके बाद अजगर ने धीरे-धीरे उसकी गर्दन पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। काफी देर बाद जब वह घर नहीं लौटा तो उसका दामाद उसे खोजने गया। लेकिन यह दृश्य देखकर वह दंग रह गया। प्रेम लाल के गले में अजगर लिपटा हुआ था। युवक ने शोर मचाया तो ग्रामीण वहां पहुंचे। उन्होंने किसी तरह से गले से अजगर को छुड़ाया।
अचेत अवस्था में वृद्ध को बहमनी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद प्रेम लाल को मृत घोषित कर दिया। ग्रामीणों ने मामले की सूचना वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद अजगर को रेस्क्यू किया। अजगर को जंगल में छोड़ दिया गया
धान के खेतों से रंग मेल खाने के कारण बाघ भी छिप रहा है। जिसके कारण वह मिल नहीं रहा है। जिसके कारण लोगों में भय का माहौल और भी बढ़ गया है।
बताया जा रहा है कि रविवार को भुआबिचिया के वार्ड नंबर 13 और जंतीपुर में बाघ देखा गया था। उसके बाद शाम को तहसील के पास गया ठाकुर के घर के पीछे देखा गया। देर रात करीब 2 बजे बिछिया जलाशय के वाटर गेट के पास देखा गया।
सोमवार को भी बाघ देखा गया। 12 से 2 बजे के बीच सर्राटोला और डुंगरा के बीच देखा गया। शाम करीब 6 बजे डुगरा गांव के गौरी जंघेला के बगीचे और बसंत जंघेला के खेत के बीच देखा गया।
रात करीब 3 बजे सर्राटोला के प्राथमिक विद्यालय के पीछे बस्ती में एक बेल पर भी हमला किया, जिससे बैल के गर्दन में चोट आई है। बताया जा रहा है कि बैल भुआबिछिया नगर के जंतीपुर, सर्राटोला, भड़ंगा मोहल्ला, डुंगरा गांव के आसपास घूम रहा है।
बाघ की आवाजाही वाले इलाकों में काफी दहशत है। बैल पर हमले के बाद बाघ के डर से लोग दूसरे दिन भी शौच के लिए बाहर नहीं जा पा रहे हैं। डर है कि अगर वे खुले में गए तो बाघ आकर हमला कर सकता है।
जब से लोगों को इलाके में बाघ के घूमने की जानकारी मिली है, लोग उसे देखने के लिए सड़क किनारे बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। वन विभाग की टीम उन्हें एक निश्चित दूरी से आगे नहीं जाने दे रही है। वन अमला भी लगातार उसकी तलाश कर रहा है।
बताया जा रहा है कि भुआबिचिया इलाके में देखा गया यह बाघ कान्हा टाइगर रिजर्व का है। कान्हा से सटा इलाका होने के कारण यह इस तरफ आया है। कान्हा टाइगर रिजर्व के एसडीओ बफर सिझोरा मितेंद्र किचखेड़े ने बताया कि लगातार तलाश की जा रही है।
बिछिया, मोतीनाला, सिझोरा रेंज, बफर रेंज और कान्हा की रेस्क्यू टीम इलाके पर नजर रख रही है। गांव में मुनादी करा दी गई है। नेवसा और डुंगरा के बीच बाघ की लोकेशन मिली है। हमारा प्रयास है कि बाघ गांव से सुरक्षित जंगल में वापस लौट जाए।