- पासबुक में एंट्री करते समय किसान की आंखें फटी की फटी रह गईं, बैंक नहीं दे रहा कोई जवाब

पासबुक में एंट्री करते समय किसान की आंखें फटी की फटी रह गईं, बैंक नहीं दे रहा कोई जवाब

बैलेंस चेक करने पर पता चला कि अकाउंट पूरी तरह से खाली हो चुका है। पैसे किसने और कैसे निकाले, इसका बैंक कोई जवाब नहीं दे रहा है।

किसान के बैंक खाते में जमा 87 हजार 200 रुपए चोरी हो गए, जबकि खाताधारक का कहना है कि उसके पास न तो एटीएम कार्ड है और न ही वह खाते को ऑनलाइन संचालित करता है। खाते से अब तक कुल 5300 रुपए निकाले जा चुके हैं।

यह भी पढ़िए- खुशखबरी! MP में एक और AIIMS, CM ने किया ऐलान, इस शहर को मिलेगी सौगात

शेष राशि जमा कर दी गई। बैलेंस चेक करने पर पता चला कि खाता पूरी तरह से खाली है। पैसे किसने और कैसे निकाले, इसका बैंक कोई जवाब नहीं दे रहा है। जब मैंने पुलिस से मदद मांगी तो उन्होंने मुझे थाने और साइबर सेल के चक्कर लगवाए, लेकिन उन्होंने मेरी शिकायत नहीं सुनी।

अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप  चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।

youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646

whataapp-https://whatsapp.com/channel/0029VaAG4A190x2t7VvoGu3v

पासबुक में एंट्री कराई तो मामले का खुलासा हुआ

मौच (पनिहार) निवासी शिवचरण सिंह ने बताया कि उसने सेंट्रल बैंक की ग्रामीण शाखा में खाता खुलवाया था। एक कियोस्क के जरिए लेन-देन होता था। कियोस्क का संचालन सरनाम जाटव करता था। वह भी उसके जरिए खाते में लेन-देन करता था।

शिवचरण का कहना है कि खाते में कुल 87 हजार रुपये जमा थे। बीच में जब उसे कुछ पैसों की जरूरत पड़ी तो उसने सरनाम की मदद से दो किश्तों में 5300 रुपये निकाले। फिर पैसे नहीं निकाले। पिछले महीने जब उसने पासबुक में एंट्री कराई तो पता चला कि खाते में कुछ नहीं है और सारे पैसे निकल चुके हैं।

मदद करने की बजाय उसे इधर-उधर दौड़ाया

शिवचरण का कहना है कि उसे पुलिस से मदद की उम्मीद थी। जब बैंक ने उसकी शिकायत नहीं सुनी तो वह पनिहार थाने गया और घटना की सूचना दी। पुलिसकर्मियों ने उसे साइबर सेल में जाने को कहा। जब साइबर सेल एसपी कार्यालय आया तो उन्हें बताया गया कि दो लाख रुपए तक की ठगी की शिकायत थाने पर ही दर्ज होगी, वहीं जाओ। जब उसे पुलिस का रवैया समझ में आया तो वह एसपी कार्यालय आया और आवेदन दिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप  चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।

youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646

whataapp-https://whatsapp.com/channel/0029VaAG4A190x2t7VvoGu3v

बैंक अधिकारी रहे खामोश

शिवचरण का आरोप है कि कियोस्क संचालक और बैंक मैनेजर की मिलीभगत से उसके खाते से पैसे निकाले गए हैं। इसीलिए बैंक यह नहीं बता रहा है कि किस आईडी से पैसे निकाले गए हैं। निकासी में किसके हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान है।

डीजीपी के आदेश, विभाग पर असर नहीं

डीजीपी कैलाश मकवाना ने पुलिस को साइबर अपराधों पर नकेल कसने के निर्देश दिए हैं। पुलिस अधिकारियों को कहा गया है कि पीड़ितों की शिकायतों को गंभीरता से सुनकर कार्रवाई करें। डीजीपी के आदेश के बाद जिला स्तर पर थानों में साइबर डेस्क की शुरुआत हो गई है। ग्वालियर के उटीला थाने से इसकी शुरुआत हुई है, लेकिन पीड़ितों का आरोप है कि थाना स्तर पर पुलिस साइबर ठगी के मामलों से अपना पल्ला झाड़ रही है।

यह भी पढ़िए- मप्र के कई जिलों में ओलावृष्टि, 27-28 दिसंबर को भारी बारिश का अलर्ट

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag