अगर आपको भी अपने आधार नंबर का इस्तेमाल कर जालसाजों से डर लगता है तो इस खबर में बताए गए टिप्स को अपनाकर आप इससे बच सकते हैं। हाल ही में पुलिस ने भोपाल में एक गिरोह पकड़ा है, जो किसी और के आधार नंबर के जरिए मोबाइल सिम कार्ड के साथ-साथ फर्जी बैंक खाते भी ले लेता था। इसके बाद बैंक खातों को साइबर जालसाजों को बेच देता था।
आधार कार्ड नंबर से ठगी। भोपाल पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो आधार कार्ड के जरिए बैंक खाते और सिम कार्ड खुलवाता था। फिर गिरोह इन बैंक खातों को साइबर ठगों को 10-10 हजार रुपए में बेच देता था।
इस घटना ने लोगों को इस बात की चिंता में डाल दिया है कि आखिर वे अपना आधार नंबर कैसे सुरक्षित रखें। इस खबर में हम आपको ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिनके जरिए आप आधार को स्कैमर्स से सुरक्षित रख सकते हैं।
सबसे ज्यादा डर फोटोकॉपी की जरूरत का होता है। हम सभी को कभी न कभी आधार कार्ड की फोटोकॉपी की जरूरत पड़ती है। आधार कार्ड का प्रिंटआउट लेने के लिए सबसे सुरक्षित तरीका है कि आप इसकी पीडीएफ या फाइल को पेन ड्राइव में डाल दें और साथ में फोटोकॉपी की फोटोकॉपी भी रख लें।
अगर आप प्रिंटआउट के लिए आधार कार्ड को वॉट्सऐप या ई-मेल के जरिए डाउनलोड करते हैं तो ऐसा न करें। क्योंकि इससे डेटा नष्ट नहीं होता और इसकी अखंडता बनी रहती है।
अगर फोटोकॉपी की दुकान पर आधार कार्ड का प्रिंटआउट किसी पेज पर सही नहीं है तो उसे फेंके नहीं। उसे दुकान के डस्टबिन में भी न डालें। ऐसे में कोई भी उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है।
अगर फोटोकॉपी की दुकान वाला आपके आधार कार्ड का प्रिंटआउट अपने कंप्यूटर में ले लेता है तो उसके बाद उसे डिलीट जरूर कर दें।
अगर आप सिम लेने, लोन लेने, घर किराए पर देने या किसी अन्य काम के लिए आधार कार्ड की फोटो कॉपी दे रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सबसे पहले यह जान लें कि जिस व्यक्ति को आप आधार कार्ड की फोटो कॉपी दे रहे हैं, वह इसे लेने के लिए अधिकृत है। इसे किसी अनजान व्यक्ति को न दें।
आधार कार्ड की फोटोकॉपी की डिटेल में यह भी लिखा होता है कि यह आपके लिए किस उद्देश्य से है। अगर आपने इसे बैंक से लोन लेने के लिए दिया है तो फोटो में यह जानकारी कॉपी करें कि आपको बैंक से ही लोन लेना है, इसके साथ ही तारीख भी लिखें। यह जानकारी फोटोकॉपी के बीच में इस तरह लिखी होती है कि कोई इसे जोड़ न सके।
आधार को बायोमेट्रिक लॉक ऑन रखकर सुरक्षित रखा जा सकता है। आधार बायोलॉजिकल स्टॉक या आधार कार्ड खरीदने के लिए आप यू-डायरेक्ट वेबसाइट, मोबाइल ऐप एम-आधार या आधार सेवा केंद्र पर भी जा सकते हैं।
आधार नंबर का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए आप आधार नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं। डाउनलोड किए गए ई-आधार में आपको आधार नंबर की डिटेल मिल जाती है। आधार के शुरुआती आठ नंबर छिपे होते हैं, जबकि आखिरी के सिर्फ 4 अंक नीचे दिए होते हैं। ऐसे में कोई भी आपका पूरा आधार नंबर नहीं जान सकता। UIDAI की वेबसाइट से आधार डाउनलोड करने के लिए समय-समय पर आधार कार्ड सेलेक्ट करें।
आधार नंबर का सबसे बड़ा डर यह है कि कोई इससे सिम न ले ले। आपके आधार से कितने मोबाइल नंबर लिंक हैं, इसकी जानकारी फ्लोरिडा एनेस्थीसिया एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन पोर्टल (TAFCOP) से मिल सकती है।