- फर्जी कॉल सेंटर मामला: आरोपियों के पास डीमैट अकाउंट वाले लोगों की लिस्ट थी, ठगी में माहिर तीन लड़कियां देती थीं ट्रेनिंग

फर्जी कॉल सेंटर मामला: आरोपियों के पास डीमैट अकाउंट वाले लोगों की लिस्ट थी, ठगी में माहिर तीन लड़कियां देती थीं ट्रेनिंग

हाल ही में मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के शामगढ़ में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है। मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, लेकिन पता चला है कि कॉल सेंटर में लड़कियों को भर्ती किया जाता था। उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए भानपुरा से रोजाना कार से तीन लड़कियों को शामगढ़ लाया जाता था। ये तीनों लड़कियां शुरू से ही आरोपियों के साथ काम कर रही थीं।

मंदसौर. मंदसौर जिले के शामगढ़ में पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटर की जांच साइबर सेल कर रही है। अभी तक ठगी करने वाले लोगों की संख्या और रकम का खुलासा नहीं हो पाया है।

लेकिन, पुलिस जांच में जो बात सामने आ रही है, उसके मुताबिक आरोपी कुशल केवट के पास डीमैट अकाउंट वाले लोगों की लिस्ट थी। इन लोगों को शेयर में मुनाफा दिलाने के नाम पर कॉल किया जाता था।

कॉल सेंटर में काम करने वाली नई लड़कियों को ट्रेनिंग देने के लिए भानपुरा से तीन युवतियां आती थीं। इसके लिए शामगढ़ से एक गाड़ी उन्हें लेने जाती थी।

मास्टरमाइंड अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर

  • पुलिस अभी भी मास्टरमाइंड गणेश केवट और कुशल केवट की तलाश कर रही है। साइबर सेल की जांच में यह भी पता चला है कि शामगढ़ में कॉल सेंटर में मिली 17 लड़कियों में से तीन लड़कियां ट्रेनर हैं।
  • इन तीनों ने शुरुआती दिनों में गणेश केवट की कंपनी में काम किया था। इसके बाद इन्होंने ठगी की ट्रेनिंग ली। कुशल केवट ने जब शामगढ़ में नया कॉल सेंटर शुरू किया तो तीनों लड़कियों को भानपुरा से रोजाना शामगढ़ बुलाया जाता था।
  • इनके लिए एक गाड़ी भेजी जाती थी। ये तीनों लड़कियां दूसरों को ट्रेनिंग देती थीं। कंपनी में काम कर चुके एक युवक ने बताया कि कुशल छुट्टियों में कंपनी में काम करने वाली लड़कियों को पिकनिक पर आस-पास की अच्छी जगहों पर ले जाता था
  • महीने में दो बार 4 दिन उनके रहने, खाने और घूमने का इंतजाम करता था। वही युवक ने बताया कि पुरानी घटनाओं से सबक लेते हुए कुशल और गणेश ने उन्हें मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसी भी व्यक्ति से बात नहीं करने को कहा था।

महाराष्ट्र पुलिस ने गणेश को भी गिरफ्तार किया है। धोखाधड़ी के आरोपियों की तलाश में कुछ जगहों की पुलिस कंवला गांव भी पहुंची है। इसमें गांव के एक व्यक्ति के घर पर लगे टावर की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने इन्हें भी पकड़ा था।

दो महीने पहले इटारसी पुलिस भी इन्हें और अन्य जालसाजों को भानपुरा थाने लेकर गई थी। तब संबंधित व्यक्ति ने कहा कि उसका इनसे कोई लेना-देना नहीं है, तो पुलिस ने इन्हें छोड़ दिया था। हालांकि कुछ घंटे बाद जालसाजों को भी छोड़ दिया गया।

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ग्रामीण भी नाराज, कहा- ऐसे लोगों को नहीं आने देंगे

गांव के युवकों द्वारा कॉल सेंटर चलाकर लोगों से ठगी करने के कारण कंवला बदनाम हो रहा है। मिनी गोवा के नाम से पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहे कंवला पर लगे इस कलंक से ग्रामीण काफी नाराज हैं।

ग्रामीणों के साथ ही सरपंच प्रतिनिधि जयसिंह गौड़ ने भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि गांव के लड़के इस तरह लोगों से ठगी कर रहे हैं। अगर वे यह गलत काम बंद नहीं करेंगे तो हम उन्हें गांव में घुसने नहीं देंगे।

 

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