विश्व धरोहर दिवस पर छतरपुर के धुबेला पैलेस और अन्य पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने धुबेला पैलेस, मस्तानी पैलेस और धुबेला संग्रहालय का दौरा किया और उनकी कलात्मकता की सराहना की।
प्रतिनिधि, छतरपुर: विश्व धरोहर दिवस पर मंगलवार को बुंदेलखंड के पर्यटन स्थलों पर दिनभर पर्यटकों का तांता लगा रहा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया छतरपुर के धुबेला पैलेस का भ्रमण करने पहुंची। यहां उन्होंने धुबेला पैलेस की खूबसूरत कलात्मकता की सराहना की।
प्रियदर्शिनी ने धुबेला संग्रहालय, मस्तानी पैलेस समेत धरोहरों का बारीकी से अवलोकन किया और धरोहरों की तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया। इस दौरान उन्होंने बुंदेलखंड की विरासत के बारे में नईदुनिया से बातचीत में बताया कि बुंदेलखंड में ऐतिहासिक धरोहरों की कलात्मकता लाजवाब है। यहां ओरछा और ग्वालियर के महलों की झलक देखने को मिलती है।
धुबेला संग्रहालय के प्रभारी सुल्तान सिंह ने महलों से जुड़ी जानकारी दी। प्रियदर्शिनी ने संग्रहालय में प्रदर्शित फोटोग्राफ्स और प्राचीन धरोहरों की प्रशंसा की। उन्होंने धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों को भी बेहद सराहनीय बताया।
प्रियदर्शिनी ने संग्रहालय टीम को सुझाव देते हुए कहा कि इन प्राचीन धरोहरों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। दीवारों पर लिखने वालों को रोका जाना चाहिए। ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
धुबेला महल देखने के बाद प्रियदर्शिनी राजे ने कहा कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा। मैं यहां की कलात्मकता के बारे में और जानकारी लेना चाहती हूं। जो कुछ बचा है, उसे देखने फिर आऊंगी। धुबेला महल देखने के बाद वे पन्ना के लिए रवाना हो गईं। उनके साथ जयविलास महल की टीम भी थी।
क्षेत्र के पुरातत्व विभाग ने दुनिया के सबसे बड़े मकबरे खजुराहो और धुबेला महल को संरक्षित कर रखा था। इसका पर्यटकों ने भरपूर लाभ उठाया। खजुराहो में 1200 से अधिक और धुबेला में 400 से अधिक मकबरे बड़े पैमाने पर बनाए गए हैं।
धुबेला महल में "नंदी प्रतिमाएं" थीम पर आधारित सात दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन डिप्टी कमिश्नर काजोल सिंह (आईएएस) ने दीप प्रज्वलित कर किया।