प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने स्कूली छात्रों को यातायात शिक्षा देने का निर्णय लिया है। आगामी शैक्षणिक सत्र से यह पाठ कक्षा 5 से 12 तक के छात्रों को पढ़ाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय 87 लाख पुस्तकें छपवा रहा है। यह पाठ्यक्रम छात्रों के बौद्धिक स्तर के अनुकूल होगा।
भोपाल. प्रदेश में सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार अब स्कूली विद्यार्थियों को यातायात का पाठ पढ़ाएगी। इसकी शुरुआत आगामी शैक्षणिक सत्र (2025-26) से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों से होगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय 87 लाख किताबें छपवा रहा है। पांचवीं से 12वीं तक हर साल नई कक्षाओं में नई किताबें पढ़ाई जाएंगी।
पाठ्यक्रम भी इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि उसमें दोहराव न हो। साथ ही उनकी विषय-वस्तु विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर के अनुरूप हो। पांचवीं कक्षा की किताब में आठ अध्याय हैं। इसमें सड़क पर वाहन कैसे चलाना है, किस दिशा में चलाना है, रोटरी क्या है। प्रदूषण मानकों के अनुसार वाहन कितने प्रकार के होते हैं। लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं जैसी जानकारियां शामिल हैं।
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पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि सख्ती के साथ-साथ लोगों की सोच बदलना भी जरूरी है और इसकी शुरुआत करने के लिए छात्रों से बेहतर कोई समूह नहीं हो सकता।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) संजीव शमी ने बताया कि पाठ्यक्रम समिति ने इसे मंजूरी दे दी है। अगले शैक्षणिक सत्र से इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा या नहीं, यह अभी तय नहीं हुआ है। पाठ्यक्रम का हिस्सा न होने के बाद भी ये किताबें छात्रों को पढ़ाई जाएंगी।
कोरोना संक्रमण के दौर को छोड़ दें तो प्रदेश में सड़क हादसों और उनमें जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यातायात नियम तोड़ने वालों पर सख्ती के बावजूद घटनाएं बढ़ रही हैं। चिंता की बात यह भी है कि जिस दर से दुर्घटनाएं बढ़ी हैं, उससे कहीं ज्यादा मौतों की संख्या बढ़ी है।
(स्रोत: पुलिस मुख्यालय)